चीन से सटे वियतनाम में कोरोना से एक भी मौत नहीं, 'C' and 'T' रणनीति से बचाया देश

punjabkesari.in Sunday, Apr 26, 2020 - 10:15 AM (IST)

 बीजिंगः दुनिया भर के देश जहां अपने नागरिकों को कोरोना वायरस से बचाने की कोशिशों में लगे  हैं वहीं दूसरी ओर चीन  पड़ोसी  व इसकी सीमा से सटे देश वियतनाम ने कोरोना से जंग जीत ली है। यहां अब तक एक भी शख्स की कोविड-19 के संक्रमण से मौत नहीं हुई है। संक्रमण के मामले प्रकाश में आए हैं मगर वो दूर के देशों के मुकाबले बहुत ही कम है। 23 अप्रैल तक वियतनाम में कोरोना संक्रमण के मात्र 268 मामले ही सामने आए थे। दरअसल वियतनाम सरकार ने शुरूआत में इस वायरस की गंभीरता को समझ लिया था, उसी हिसाब से जागरूकता के साथ सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए युद्ध स्तर की तैयारियां की जिसका नतीजा ये रहा।

 

पांबदियां हटाने व स्कूल खोलने की तैयारी
अब वियतनाम सरकार यहां पर तमाम चीजों पर लगाई गई पांबदियां हटाने व स्कूलों को भी खोलने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में अब तमाम देशों के प्रमुखों के मन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर वियतनाम ने ऐसा क्या जिसकी वजह से उसके यहां मरीजों की संख्या भी कम रही और मरने वालों की गिनती शून्य। सीमा को पूरी तरह से कर दिया सील 

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एक फैसले ने बचा लिया देश
जनवरी के आखिरी दिनों में वियतनाम में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था, इसी के बाद तेजी से फैसला लेते हुए वियतनाम ने चीन के साथ लगी अपनी सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया। साथ ही, सभी प्रमुख एयरपोर्ट पर दूसरे देशों से आने वाले प्रत्येक नागरिक की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की। सरकार ने यह भांप लिया कि कोरोना संक्रमण उन लोगों में दिख रहा है जो विदेश से आ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने विदेश से आने वाले हर शख्स को 14 दिनों तक क्वारंटीन में रखने का आदेश दिया। सरकार ने लोगों को क्वारंटीन पर रखने के लिए होटलों को भुगतान करके बुक किया। मार्च के आखिरी सप्ताह में वियतनाम ने सभी विदेशियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी। वियतनामी मूल के विदेशी और वियतनामी नागरिकों के परिवारिक सदस्यों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई।

 

क्रमित मरीजों को क्वारंटीन में रखने में कामयाबी  
वियतनाम कोरोना संक्रमित मरीजों को क्वारंटीन में रखने में कामयाब रहा है हालांकि कई जगहों पर इसके लिए नागरिकों की स्वतंत्रता पर भी रोक लगानी पड़ी है। प्रशासन और सशक्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते वियतनाम कुछ मामलों में पूरे के पूरे जिले को क्वारंटीन करने में सफल रहा है। लेकिन यूरोपीय देशों की तरह वियतनाम ने अपने यहां लॉकडाउन को लागू नहीं किया है। वियतनाम की राजधानी हनोई और दर्जन भर बड़े शहरों में लॉकडाउन के जो प्रावधान पहले लागू किए गए थे उन्हें हटाया जा चुका है। 

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'C and 'T' रणनीति पर दिया जोर 
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया, उसके बाद 'कांटैक्ट (सी) ट्रेसिंग (टी)' पर जोर दिया। उन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। इतना ही नहीं, वियतनाम अपने ही देश में कम क़ीमत वाली टेस्टिंग किट्स विकसित में करने में कामयाब रहा। वियतनाम के पास बड़े पैमाने पर लोगों की टेस्टिंग के लिए दक्षिण कोरिया और जर्मनी जितने संसाधन भी नहीं हैं। संसाधनों की कमी के चलते वियतनाम की सरकार ने कम खर्चे वाला नजरिया अपनाया और संक्रमण के मामले को आक्रामक ढंग से ट्रैक किया गया और संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की गई। 

 

देशव्यापी जागरूकता अभियान आया काम
वियतनाम की सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाने पर जोर दिया। इस अभियान में छोटे-छोटे वीडियो और पोस्टरों के जरिए लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया। ऐतिहासिक वियतनाम अमेरिका युद्ध में वियतनामी रणनीति की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ग्युएन जुआन फुक ने लोगों से लंबे समय तक महामारी से लड़ने के लिए तैयार होने की अपील की। वियतनाम का समाज जागरूक है, वहां एक पार्टी की व्यवस्था है। पुलिस व्यवस्था, सेना और पार्टी उस फैसले पर अमल करती है जो शीर्ष स्तर पर लिया।  वियतनाम सरकार ने शुरूआत में इस वायरस की गंभीरता को समझ लिया था उसी हिसाब से जागरूकता के साथ सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए युद्ध स्तर की तैयारियां की जिसका नतीजा ये रहा है।

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Tanuja

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