सावधान ! स्टेरॉइड उत्पादों में खतरनाक मिलावट का बड़ा खुलासा, चीन से आ रहे घटिया पाउडर

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 02:34 PM (IST)

International Desk:ऑस्ट्रेलिया में अवैध रूप से बेचे जा रहे स्टेरॉइड उत्पादों में खतरनाक मिलावट का बड़ा खुलासा हुआ है। ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए नए अध्ययन में सामने आया है कि कई स्टेरॉइड उत्पाद न केवल गलत लेबल वाले हैं बल्कि उनमें सीसा, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी जहरीली भारी धातुएं पाई गई हैं। इस अध्ययन में पूरे ऑस्ट्रेलिया से 28 स्टेरॉइड उत्पादों के नमूने इकट्ठे किए गए। इनमें 16 इंजेक्टेबल ऑयल,  10 टैबलेट्स और  2 कच्चे पाउडर शामिल थे। एक स्वतंत्र फॉरेंसिक लैब ने इनका परीक्षण किया।

 

क्या मिला जांच में? 
कई उत्पादों में लेबल पर दिए गए तत्व मौजूद ही नहीं थे। कुछ में खतरनाक मात्रा में दूसरे स्टेरॉइड पाए गए। उदाहरण के लिए, एक प्रोडक्ट को 'टेस्टोस्टेरोन एनंथेट' बताया गया, पर उसमें टेस्टोस्टेरोन की जगह एक बहुत शक्तिशाली स्टेरॉइड  ट्रेंबोलोन  मिला।  सिर्फ  4 उत्पाद  ही ऐसे थे जिनमें लेबल के मुताबिक लगभग सही सामग्री पाई गई।

 

क्यों है खतरनाक? 
भारी धातुएं जैसे सीसा और आर्सेनिक शरीर में जमा होकर  कैंसर,  हृदय रोग,  मस्तिष्क पर असर और अंग विफलता का कारण बन सकती हैं। शोध में कहा गया कि भले ही इन धातुओं की मात्रा फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मानकों के भीतर थी, लेकिन स्टेरॉइड का बार-बार और ज्यादा मात्रा में उपयोग इसे बेहद खतरनाक बना सकता है।
 

स्टेरॉइड का उपयोग क्यों? 
एनाबॉलिक स्टेरॉइड कृत्रिम दवाइयां हैं, जो शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की तरह काम करती हैं। डॉक्टर इन्हें कुछ गंभीर बीमारियों में ही लिखते हैं, लेकिन जिम जाने वाले युवा बिना पर्ची के मांसपेशियां बढ़ाने, ताकत बढ़ाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इनका गैरकानूनी इस्तेमाल कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में बिना डॉक्टर के पर्चे के स्टेरॉइड रखना अवैध है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना या क्वींसलैंड जैसे राज्यों में 25 साल तक की जेल भी हो सकती है। इसके बावजूद, स्टेरॉइड ऑनलाइन और लोकल जिम में आसानी से मिल रहे हैं।
  

विशेषज्ञों की सलाह
अध्ययन में खास तौर पर यह भी बताया गया कि चीन से आयात होने वाला कच्चा पाउडर भी गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरता। विशेषज्ञों ने सरकार को सलाह दी है कि स्टेरॉइड के अवैध इस्तेमाल और मिलावट को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय निगरानी एवं परीक्षण व्यवस्था  बनाई जाए। इसे सुई-सिरिंज वितरण योजनाओं और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा जाए ताकि युवाओं को नुकसान से बचाया जा सके। साथ ही, लोगों में जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है।


 


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Content Writer

Tanuja

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