नेपाल सरकार ने सीमा मुद्दों पर चीन से निपटने के लिए बनाई समिति

punjabkesari.in Tuesday, Sep 14, 2021 - 03:15 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः हाल के दिनों में  चीन न केवल कोरोना महामारी का कारण बना रहा है, बल्कि अपनी सीमा के सभी किनारों पर क्षेत्रीय आक्रमण भी प्रदर्शित कर रहा है। चीन के विस्तारवादी  महत्वकांशा ने उसके सदाबहार सहयोगी नेपाल को भी नहीं बख्शा  और उसने कई जगहों पर नेपाल की भूमि पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय लोग आक्रोशित होकर अतिक्रमण के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए  प्ऱधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने अब चीन के साथ सीमा विवाद की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है।

 

यह कमेटी हुमला जिले के नामखा ग्रामीण नगरपालिका के लिमी लपचा से लेकर हिलसा तक नेपाल-चीन सीमा से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन करेगी। नई समिति में सर्वेक्षण विभाग, नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस और सीमा विशेषज्ञों के अधिकारी शामिल होंगे और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगे। कथित तौर पर चीन ने नेपाल के हुमला जिले में गुप्त रूप से संरचनाएं बनाई हैं, और नेपाली आबादी को इस क्षेत्र में प्रवेश करने से भी रोक दिया है।

 

यह मुद्दा तब प्रकाश में आया जब अगस्त 2020 के महीने में स्थानीय ग्राम परिषद के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा ने इस क्षेत्र का दौरा किया और नेपाल के क्षेत्र में लगभग 2 किमी अंदर चीनी पीएलए द्वारा नवनिर्मित इमारतों का अवलोकन किया। मामला हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी (सीडीओ) दलबहादुर हमाल के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने एक जांच की और नेपाल के क्षेत्र में चीन के अतिक्रमण की पुष्टि की।

 

हंगामे के बाद  पूर्व मंत्री जीवन बहादुर शाही के नेतृत्व में स्थानीय राजनेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और पत्रकारों की 19 सदस्यीय टीम ने सीमा पर अतिक्रमण की परस्पर विरोधी रिपोर्टों के बीच 11 दिनों तक क्षेत्र का निरीक्षण किया और देखा कि चीन ने निर्माण किया है। नेपाली क्षेत्र के अंदर भौतिक बुनियादी ढांचे, और एकतरफा अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभ संख्या 11, 12 को बदल दिया, और स्थानीय नेपालियों को नेपाली क्षेत्र के भीतर के क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोक रहा है।


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Content Writer

Tanuja

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