नेपाल की सुशीला सरकार का बड़ा ऐलान, आंदोलन में जान गंवाने वालों को मिलेगा शहीद का दर्जा

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 08:14 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : नेपाल में Gen-Z युवाओं के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद बनी सुशीला कार्की सरकार ने सोमवार को कैबिनेट का विस्तार किया। तीन नए मंत्रियों को शामिल करते हुए नई कैबिनेट ने अपना पहला बड़ा फैसला लेते हुए 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया। यह शोक आंदोलन के दौरान शहीद हुए युवाओं के बलिदान और वीरता को सम्मानित करने के लिए समर्पित होगा।

Gen-Z आंदोलन: चार दिनों में सरकार गिराई, नई सत्ता स्थापित
नेपाल में युवा पीढ़ी (Gen-Z) के आंदोलन ने महज चार दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की सरकार को गिरा दिया। राजधानी काठमांडू, पोखरा, बुटवल समेत देशभर में युवाओं ने सामाजिक और राजनीतिक न्याय की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में ओली सरकार के खिलाफ भारी विरोध दर्ज हुआ।

इस आंदोलन के दौरान 72 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 जेल कैदी और तीन सुरक्षा कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, दो हजार से अधिक लोग घायल हुए। युवाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश में बदलाव की नींव रखी।

जान गंवाने वाले युवाओं को शहीद का दर्जा दिया जाएगा 
सुशीला कार्की कैबिनेट ने आंदोलन में जान गंवाने वाले युवाओं को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया है। यह निर्णय उनके बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। 17 सितंबर को देशभर में झंडे आधा झुकाए जाएंगे, और पूरे नेपाल में शोक का पालन किया जाएगा।

कैबिनेट ने पूर्व ओली सरकार द्वारा लिए गए सभी निर्णयों और प्रस्तावों को रद्द करने का भी फैसला लिया। इसका उद्देश्य नई सरकार की नीतिगत स्पष्टता सुनिश्चित करना और भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था स्थापित करना है।

सुशीला कार्की ने रचा इतिहास
12 सितंबर 2025 को नेपाल के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। Gen-Z आंदोलन के समर्थन से सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। यह नियुक्ति देश की राजनीति में महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बनी है। उनकी सरकार के गठन के बाद नेपाल धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है, और नए फैसले देश को नई दिशा देने की उम्मीद जगाते हैं।

नेपाल की नई सरकार युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और देश को समृद्ध बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। Gen-Z आंदोलन न केवल राजनीतिक बदलाव लाया, बल्कि युवा शक्ति की ताकत को भी साबित किया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Shubham Anand

Related News