हिंदू धर्म की मूल दृष्टि के लिए इसे फिर से स्थापित करने की जरूरत: थरूर

punjabkesari.in Sunday, Jun 10, 2018 - 06:10 PM (IST)

लंदन : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि हिंदू धर्म को इसकी मूल दृष्टि के लिए आस्था एवं सामाजिक व्यवहार के रूप में फिर से स्थापित करने की जरूरत है , क्योंकि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अक्सर इसे ‘तोड़ा - मरोड़ा’ जाता है।

यहां आयोजित  ‘जी जयपुर साहित्योत्सव’ के उद्घाटन सत्र में लेखिका नमिता गोखले के साथ बातचीत में थरूर ने कहा कि जाति हिंदू धर्म से स्वाभाविक तौर पर जुड़ी हुई नहीं है, लेकिन यह निकृष्ट चीज है और लोगों से भेदभाव करती है। थरूर ने हिंदू धर्म की ‘मूल दृष्टि’ और इसके ‘सामाजिक व्यवहार’ के बीच मतभेद पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से इसे अक्सर ‘तोड़ा -मरोड़ा’ जाता है।

कांग्रेस नेता ने लोगों से अपील की कि वे अपने गलत व्यवहार के लिए ‘आध्यात्मिक मंजूरी’ लेना बंद करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी को भेदभाव का सामना करना पड़ा है तो उसे आक्रोशित होने का अधिकार है। यदि किसी को भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा है तो उनकी जिम्मेदारी है कि वह पीड़ित व्यक्ति को इस गुस्से से उबरने में मदद करें और उन्हें गरिमामयी जिंदगी जीने दें। ब्रिटिश पुस्तकालय की ओर से आयोजित इस साहित्योत्सव में 100 से ज्यादा प्रबुद्ध लेखक और विचारक हिस्सा ले रहे हैं।       


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shukdev

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