इस्राइल में धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर बदलाव, जश्न मना रहे फिलीस्तीनी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 25, 2017 - 11:11 AM (IST)

यरूशलेमः इस्राइल के मंत्रियों ने यरूशलेम के अत्यधिक संवेदनशील धर्मस्थलों पर मैटल डिटेक्टर के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है। नई सुरक्षा व्यवस्था के बाद वहां व्यापक स्तर पर हिंसा हुई थी। मैटल डिटेक्टरों को हटाए जाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी दबाव बनाया गया था और चेतावनी दी गई थी कि इससे अशांति का माहौल बन सकता है और हिंसा इस्राइल और फिलस्तीन क्षेत्र से बाहर तक फैल सकती है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी  बयान में कहा गया है कि  सुरक्षा मंत्रिमंडल ने सुरक्षा निकायों द्वारा दिए उन अनुरोधों को स्वीकार कर लिया है जिनमें सुरक्षा निरीक्षण के लिए मैटल डिटैक्टर के स्थान पर आधुनिक सुरक्षा तकनीकों और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई थी। आदेश के बारे में पता चलते ही सैकड़ों फिलीस्तीनी हरम अल-शरीफ मस्जिद (यहूदी इसे टैंपल माउंट के रूप में पहचानते हैं) के परिसर के प्रवेश द्वार के पास जश्न मनाने के लिए एकत्रित  हो गए।
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अत्याधुनिक तकनीक के बारे में मंत्रिमंडल की ओर से तत्काल कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। हालांकि इस हफ्ते की शुरुआत में प्रवेश द्वार पर कैमरे लगा दिए गए थे। अभी यह साफ नहीं है कि मुस्लिम श्रद्धालु इसे स्वीकार करेंगे या नहीं। इस्लामिक वक्फ संगठन के शेख रईद दाना ने कहा कि कि यह आम लोगों से जुड़ा आंदोलन है।हम वक्फ के तौर पर आम लोगों की सुनेंगे, अगर वे सुरक्षा उपायों के लिए हां कहेंगे तो हां, अगर वे न कहेंगे तो न।

इस्राइल  ने 14 जुलाई को हुए हमले के बाद यरूशलेम में धार्मिक स्थल के प्रवेश द्वार पर मैटल डिटेक्टर लगाए थे।   फिलीस्तीन का कहना था कि इन सुरक्षा उपायों के बल पर  इस्राइल  उस स्थान पर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहता है । उन्होंने विरोध दर्ज करवाने के लिए परिसर के अंदर प्रवेश नहीं किया बल्कि बाहर सड़कों पर ही नमाज पढ़ी थी।


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