पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी होंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, जस्टिन ट्रूडो की लेंगे जगह
punjabkesari.in Monday, Mar 10, 2025 - 06:06 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः मार्क कार्नी, जोकि बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर हैं, को कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी का नया नेता चुन लिया गया है। इसके साथ ही वे कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने की ओर अग्रसर हैं, जो वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 59 वर्षीय कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व के चुनाव में शानदार सफलता प्राप्त की, जिसमें उन्हें 86 प्रतिशत पार्टी सदस्य वोटों का समर्थन प्राप्त हुआ।
Thank you to all of our amazing candidates for an incredible race that brought Liberals across the country together. pic.twitter.com/uPuTxv2vyz
— Liberal Party (@liberal_party) March 9, 2025
मार्क कार्नी जिन्होंने अब तक राजनीति में कोई अनुभव नहीं रखा है, ने यह तर्क दिया कि उनकी विशेषज्ञता और अनुभव उन्हें पार्टी के पुनर्निर्माण और विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार वार्ताओं में कुशल बनाएंगे। ट्रंप ने कनाडा को अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है जिससे कनाडा की निर्यात-निर्भर अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए कार्नी का मानना है कि उनका अनुभव और कौशल उन्हें इस चुनौती से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त बनाता है।
कनाडा में यह पहली बार है कि कोई व्यक्ति जो राजनीति में कोई पूर्व अनुभव नहीं रखता, प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होने जा रहा है। इसके अतिरिक्त, कार्नी का दावा है कि वे G7 देशों के दो केंद्रीय बैंकों (बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड) के गवर्नर के रूप में सेवा देने वाले पहले व्यक्ति हैं, और उनका अनुभव ट्रंप जैसे वैश्विक नेताओं के साथ व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने में सहायक सिद्ध होगा।
कौन हैं मार्क कार्नी?
मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च 1965 को कनाडा के उत्तर-पश्चिम में स्थित फोर्ट स्मिथ में हुआ। हालांकि, उनका शुरुआती जीवन अल्बर्टा राज्य के एडमंटन में बीता। मार्क के माता-पिता दोनों स्कूल में शिक्षक रहे। ऐसे में वे शुरुआत से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी अच्छे रहे। बकौल कार्नी उनके माता-पिता ने उनमें जनसेवा के लिए प्रतिबद्धता कूट-कूटकर भरी। मार्क कार्नी ने 2004 में कनाडा के वित्त विभाग में भी काम किया। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में प्रतिभा दिखाने के बाद उन्हें 2007 में बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर बनाया गया।
2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी में कनाडा को संभाला
बताया जाता है कि 2007 के अंत में जब दुनियाभर में आर्थिक स्तर पर हलचल शुरू हुई तो मार्क कार्नी को आने वाले खतरों का अंदाजा हो गया था। इसके चलते उन्होंने कनाडा की मौद्रिक नीति को सख्त करना शुरू कर दिया। 2008 में जब लीमैन ब्रदर्स के दिवालिया घोषित होने के बाद पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई, तब कार्नी ने कनाडा के केंद्रीय बैंक का नेतृत्व किया। कनाडा में उनकी प्रबंधन क्षमता को इस कदर का आंका जाता था कि 2013 में बैंक ऑफ इंग्लैंड का गवर्नर बनने तक वे कनाडा के गवर्नर पद पर रहे।