Operation Sindoor पर पाक PM को बोलीं मलाला यूसुफजई, कहा- 'भारत नहीं, असली दुश्मन है आतंकवाद...'

punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 12:18 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इस नाजुक माहौल में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी कर दोनों देशों के बीच शांति और समझदारी का संदेश दिया है। उन्होंने न केवल आतंकी घटनाओं की कड़ी निंदा की बल्कि यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि असली दुश्मन आतंकवाद है, न कि कोई देश या उसकी जनता।

मलाला यूसुफजई ने कहा, "पाकिस्तान, भारत और हमारे पड़ोसी मुल्कों में हमारा साझा दुश्मन उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा है। हम एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं।" उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे बंटवारे की ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर आतंकवाद का मुकाबला करें। मलाला ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी हस्तक्षेप करने और शांति व संवाद को बढ़ावा देने का आग्रह किया क्योंकि उनका मानना है कि केवल कूटनीति और आपसी सहयोग ही इस क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि ला सकते हैं।

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मैं खुद आतंकवाद की शिकार रही हूं: मलाला

मलाला ने अपने निजी दर्दनाक अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वह खुद पाकिस्तान में चरमपंथ और आतंकवाद का शिकार हो चुकी हैं। साल 2012 में जब वह स्कूल जा रही थीं तब तालिबान ने उन पर जानलेवा हमला किया था। इस भयावह अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद के मूल कारणों पर गहराई से विचार करना चाहिए। उनका दृढ़ विश्वास है कि कोई भी व्यक्ति जन्म से आतंकवादी या उग्रवादी नहीं होता बल्कि समाज, विचारधारा और परिस्थितियां उसे उस खतरनाक रास्ते पर धकेलती हैं। इसलिए हमें शिक्षा, आपसी संवाद और सकारात्मक अवसरों के माध्यम से उन नकारात्मक ताकतों को कमजोर करना होगा।

 

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पाकिस्तान के नेताओं से शांति की गुहार

अपने बयान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मलाला यूसुफजई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर का भी सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, "नफरत और हिंसा हमारे आम दुश्मन हैं एक-दूसरे नहीं। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं से पुरजोर आग्रह करती हूं कि वे तनाव को कम करें, नागरिकों - खासकर मासूम बच्चों - की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट हो जाएं।" उन्होंने विशेष रूप से आम नागरिकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा पर जोर दिया और दोनों देशों के निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। मलाला का यह शांति संदेश ऐसे समय में उम्मीद की किरण बनकर आया है जब क्षेत्र में तनाव चरम पर है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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