चीन का एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान  के हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में विफल, ईरानी मिसाइलों से नहीं सका बचा

punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2024 - 06:32 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में  किए ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तानी सेना अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में सक्षम नहीं है। दरअसल बीते कुछ सालों में   पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का बार-बार उल्लंघन किया गया है। पाकिस्तान की सेना एक मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम होना को दावा करती है, इनको काफी खर्च करके खरीदा गया है। इनमें से ज्यादातर चीन से ली गई हैं, जो पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा में विफल रही हैं। मई 2011 में ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए एबटाबाद हमले के दौरान अमेरिकी वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर तीन घंटे और छह मिनट बिताए। पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को न तो उनके आने का पता चला और ना जाने का।

 

अमेरिकी वायु सेना ने अफगानिस्तान सीमा के माध्यम से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया और ओसामा को मारने के बाद लौट गए। इसी तरह फरवरी 2019 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाने के लिए भारतीय वायु सेना के विमानों ने पाक के हवाई क्षेत्र में एंट्री ली तो पाकिस्तान वायु सेना की रक्षा प्रणाली उनको समय से जवाब नहीं दे सकी। मार्च 2022 में गलती से लॉन्च की गई एक भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल ने 3 मिनट और 44 सेकंड में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर 124 किलोमीटर की दूरी तय की। हरियाणा के सिरसा से निकली मिसाइल शाम 18.43 बजे राजस्थान के सूरतगढ़ से पाकिस्तान में प्रवेश कर गई और शाम 18.50 बजे पाकिस्तान के अंदर गिरी। जिस स्थान पर ब्रह्मोस गिरी, वह मियां चन्नू, बहावलपुर से करीब 160 किमी दूर है।

 

बाद में पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसकी रक्षा प्रणालियों को ब्रह्मोस मिसाइल के लॉन्च के बारे में 7 मिनट तक पता था जब वह पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में थी। हालांकि इस बयान ने और अधिक सवाल खड़े कर दिए कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस पता होने के बावजूद मिसाइल को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने में सक्षम क्यों नहीं हुआ। बीते हफ्ते, 16 जनवरी को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी समूह जैश-उल-अदल के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाते हुए हमले किए।

 

परिणाम स्वरूप एक बार फिर वही, इन हमलों को पाक का एयर डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सका। पाकिस्तानी एयर डिफेंस में ज्यादातर चीन से खरीदे हथियार हैं। 2021 में पाकिस्तान ने चीनी निर्मित HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को हासिल किया था, जिसे FD-2000 के रूप में भी जाना जाता है, ये एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे विमान और क्रूज मिसाइलों को मार गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पाकिस्तान वायु सेना अमेरिकी TPS-77 लॉन्ग रेंज एयर सर्विलांस रडार और चीनी YLC-18A मल्टी-रोल रडार का भी उपयोग करती है। दोनों लंबी दूरी की रडार प्रणालियां हैं जो बड़े क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण विमानों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने का दावा करती हैं।


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Content Writer

Tanuja

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