बकरी की रिपोर्टिंग करना 'पत्रकार' को पड़ा भारी, गिरफ्तारी के बाद मानहानि का केस दर्ज

punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2017 - 05:38 PM (IST)

ढाकाः आपने आम और खास लोगों की फजीहत के किस्से काफी सुने होंगे। जिसमें उन्हें छोटी सी भूल का इतना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है कि वो देश - दुनियां में चर्चा का विषय बन जाते हैं। लेकिन इस बार हम आपको एेसे प्रोफेशन से जुड़े शख्स की आपबीती बताएंगे। जिसे सुनकर आप चकित भी होंगेऔर अपने को हंसने से भी नहीं रोक सकेंगे। पूरा मामला पड़ोसी देश बांगलादेश से जुड़ा हुआ है। यहां के एक पत्रकार को बकरी की रिपोर्टिंग करना इतना भारी पड़ गया कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके मानहानी केस भी ठोंक दिया। 

मामला डुमरिया से लगभग 200 किमी दूर स्थित दक्षिण-पश्चिम ढाका का है। यहां एक पत्रकार अब्दुल लतीफ मॉरोल ने अपने फेसबुक वॉल पर मरी हुई बकरी की तस्वीर शेयर की थी। इसके साथ उसने लिखा था कि सुबह राज्यमंत्री द्वारा दान की गई बकरी शाम को मर जाती है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

दरअसलमत्स्य पालन और पशुधन राज्यमंत्री नारायण चंद्र चंदा ने 30 जुलाई को पशुधन को गरीबों को दान दिया था।  स्थानीय अख़बारों के मुताबिक दान में दी बकरियों में से एक की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद मॉरोल ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी। उसमें उन्होंने लिखा "सुबह  राज्य मंत्री द्वारा दी गई बकरी  शाम को मर जाती हैं"।

इस पोस्ट के बाद पुलिस ने मॉरोल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि मोरोल ने चंदा को फेसबुक पर अपमानजनक पोस्ट करके बदनाम किया। इसके लिए उनपर मानहानि का केस दर्ज किया गया। 

पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद इसके विरोध शुरू हो गया और द कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने प्रशासन से मांग की है कि मॉरोल की कोई गलती नहीं है और उसे रिहा किया जाए।


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