कमांडो-टैंक और ड्रोन: रूस ने अफगान सीमा पर बजाया युद्ध का बिगुल ! तालिबान को दी खुली चुनौती(Video)
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 07:01 PM (IST)

International Desk: रूस और ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के पास एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया है। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में हजारों सैनिकों के साथ अत्याधुनिक हथियार, मिलिट्री ड्रोन, टैंक, तोपखाने और अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हुए। इस कदम का मकसद तालिबान से उत्पन्न खतरों का मुकाबला करना और सुरक्षा तैयारियों को परखना था।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह अभ्यास 7 अप्रैल से ताजिकिस्तान के एक प्रशिक्षण मैदान में चल रहा है। इसमें ‘ओरलान-10’ ड्रोन, टैंक, तोपें और ‘Mi-24’ अटैक हेलीकॉप्टर जैसे उन्नत सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य था बीहड़ इलाकों में सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत करना और आतंकवादी खतरों का सफाया करना। अभ्यास में नकली दुश्मन के ठिकानों का पता लगाकर तोपखाने से सटीक हमले किए गए।
🇷🇺🇹🇯 The armed forces of Russia and Tajikistan held joint exercise at the Kharb-Maydon training range, during which they practiced the use of troops in destroying bandit formation that had invaded Tajikistan's territory.
— The Daily News (@DailyNewsJustIn) April 12, 2025
During the exercise, experience gained in the area of a… pic.twitter.com/dtTZQDRazp
हालांकि रूस और तालिबान के बीच औपचारिक राजनयिक और आर्थिक संबंध हैं, फिर भी रूस और ताजिकिस्तान सीमाओं पर चरमपंथी गतिविधियों और हथियारों की तस्करी के खतरे को लेकर सतर्क हैं। दोनों देश 'सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन' (CSTO) के सदस्य हैं। इसी के तहत हाल के वर्षों में ताजिकिस्तान में कई बार सैन्य अभ्यास किए गए हैं ताकि उग्रवाद के फैलाव को रोका जा सके।
मार्च 2025 में मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान पुतिन ने मध्य एशिया में सुरक्षा बनाए रखने के लिए रूस की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा था कि रूस अफगानिस्तान से आने वाले खतरों को अनदेखा नहीं कर सकता और क्षेत्रीय सहयोग रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।