H-1बी वीजा धारकों के जॉब ऑफर्स रद्द, ट्रंप के शपथ समारोह से पहले टूटे भारतीयों के सपने
punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2025 - 07:43 PM (IST)
नई दिल्ली। हजारों भारतीयों का सपना होता है कि वे अमेरिका में एच-1बी वीजा प्राप्त करें, जो उन्हें वहां काम करने का अवसर देता है। यह वीजा खासकर उन लोगों के लिए होता है जिनके पास खास कौशल होते हैं, और यह वीजा उन्हें अमेरिका में नौकरी पाने का एक रास्ता देता है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी सरकार में बदलाव ने इस वीजा प्रक्रिया को लेकर कई अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं।
ट्रंप प्रशासन और एच-1बी वीजा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमेशा कहा है कि उन्हें अमेरिकी नागरिकों को काम पर रखना प्राथमिकता है और विदेशी कामगारों को लेकर कड़ी नीतियां लागू करने का वादा किया है। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीयों का सपना टूट सकता है क्योंकि एच-1बी वीजा पर बहस तेज हो गई है और कई जॉब ऑफर भी रद्द हो गए हैं।
एच-1बी वीजा के बारे में
एच-1बी वीजा अमेरिका में काम करने के लिए दिया जाने वाला एक अस्थायी वीजा है, जो खासकर उन विदेशियों को दिया जाता है जिनके पास खास कौशल होते हैं। इस वीजा के तहत भारत के नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है। भारतीय एच-1बी वीजा धारक अमेरिका में सबसे बड़ी संख्या में होते हैं और वे ज्यादातर तकनीकी, इंजीनियरिंग और कंप्यूटर संबंधित कामों में लगे होते हैं।
भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों पर असर
भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। एक साल के अंदर भारतीय छात्रों की संख्या में 35% का इजाफा हुआ है। हालांकि, अब ट्रंप के प्रशासन के कारण इन छात्रों और वीजा धारकों को अपने भविष्य को लेकर चिंता होने लगी है। कई लोगों ने जॉब ऑफर मिलने के बाद भी उन्हें रद्द होते हुए देखा है।
वी पुव्वाडा का अनुभव
एक व्यक्ति, जो अमेरिका में काम करने के लिए एच-1बी वीजा पर जा रहे थे, ने बताया कि उनका जॉब ऑफर एक महीने बाद ही रद्द कर दिया गया। उनका मानना है कि यह वीजा नीति में हो रहे बदलाव के कारण हुआ। वे कहते हैं कि इससे उनके जीवन में भारी दिक्कतें आ गई हैं क्योंकि उन्होंने अपनी मौजूदा नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और अब उनका भविष्य अनिश्चित हो गया है।
आशीष चौहान का सपना खतरे में
आशीष चौहान, जिन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की थी, अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देखते थे, लेकिन ट्रंप के प्रशासन के कड़े इमीग्रेशन नियमों के चलते वे भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि उनका सपना अब खतरे में है क्योंकि उन्हें लगता है कि वीजा प्रक्रिया और जॉब ऑफर अब पहले जैसे नहीं रहेंगे।
भारत में काम करने का भी विकल्प
कुछ लोग यह भी सोच रहे हैं कि क्या अमेरिकन कंपनियां अब बिना भारतीयों को अमेरिका बुलाए उन्हें भारत में ही काम पर रख सकती हैं। इस पर बहस हो रही है कि एच-1बी वीजा को खत्म करने से क्या अमेरिकियों के लिए रोजगार की समस्या हल हो सकती है?