इजरायल ने गाजा में स्कूल और घरों पर की बमबारी, बच्चों व UN कर्मियों सहित 34 की मौत
punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 11:53 AM (IST)
International Desk: गाजा में चल रहे इस संघर्ष में हालिया घटनाक्रम में इज़रायल की सेना ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) के स्कूल और गाजा में दो घरों पर हवाई हमले किए, जिनमें कुल मिलाकर 34 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 19 महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इसके अलावा, मृतकों में संयुक्त राष्ट्र के 6 कर्मचारी भी थे। गाजा के अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में विस्थापित फिलिस्तीनी परिवारों ने उन स्थानों पर शरण ली हुई थी जिन्हें पहले सुरक्षित घोषित किया गया था।
गाजा के अस्पतालों में लगातार घायलों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें नुसैरात शरणार्थी शिविर के अल-जौनी प्रिपरेटरी बॉयज़ स्कूल पर हुए हमले में 14 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे और एक महिला शामिल थीं। साथ ही, हमलों में कम से कम 18 लोग घायल हो गए। गाजा में यूएन के संचालित स्कूलों में से यह एक है, जहां विस्थापित फिलिस्तीनियों ने शरण ली हुई थी।गाजा में अब तक 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, और 95,000 से अधिक घायल हुए हैं। इज़रायली हमलों में कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो रही है, जबकि सेना का दावा है कि वे आतंकवादियों को निशाना बना रहे हैं।
इस संघर्ष ने गाजा के निवासियों को स्कूलों और खंडहरों में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है, और मानवीय स्थिति लगातार बदतर हो रही है।इज़रायली सेना का कहना है कि वह हमास के आतंकवादियों को निशाना बना रही है, जो इन स्थानों का इस्तेमाल कर रहे थे। विशेष रूप से, इज़रायल का दावा है कि स्कूल के अंदर से हमास आतंकवादियों द्वारा हमले की योजना बनाई जा रही थी। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। इस हमले में मारे गए बच्चों में से एक गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के सदस्य की बेटी भी थी, जो घायलों को बचाने और हमलों के बाद शव निकालने का काम करता था।
बता दें कि गाजा में संघर्ष अक्टूबर पिछले साल तब शुरू हुआ जब हमास ने इज़रायल पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किए थे, जिसमें लगभग 1,200 इज़रायली नागरिक मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इसके जवाब में, इज़रायल ने गाजा पर सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो अब तक जारी है। इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय प्रयास किए गए हैं, लेकिन इज़रायल और हमास के बीच शांति वार्ता बार-बार विफल हो रही है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए नई शर्तें पेश कर रहे हैं, जिसके कारण कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।