जिहाद पाक फौज की ट्रेनिंग का हिस्सा...ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस पर क्या बोले PAK आर्मी के प्रवक्ता
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 09:21 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस्लाम केवल एक व्यक्तिगत आस्था नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान सेना की आधिकारिक ट्रेनिंग और ऑपरेशनों का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने बताया कि सेना का आदर्श वाक्य 'ईमान, तक़वा, जिहाद फि सबीलील्लाह' (विश्वास, धार्मिकता, अल्लाह के रास्ते में संघर्ष) है, जो इस्लामी मूल्यों को सेना की कार्यप्रणाली में दर्शाता है।
सेना की ट्रेनिंग में इस्लाम का प्रभाव
लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ ने कहा, "इस्लाम न केवल हमारी आस्था है, बल्कि यह हमारी ट्रेनिंग का हिस्सा है। यह हमारे विश्वास और प्रेरणा का स्रोत है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि सेना प्रमुख की मजबूत धार्मिक आस्था और नेतृत्व की प्रतिबद्धता ऑपरेशनों में परिलक्षित होती है।
ऑपरेशन 'बुनयान उल मरसूस' का नाम और धार्मिक संदर्भ
पाकिस्तान ने हाल ही में 'बुनयान उल मरसूस' नामक ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसका अर्थ है "स्टील की दीवार"। लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ ने इस नाम का बचाव करते हुए कहा कि जो अल्लाह के लिए संघर्ष करते हैं, वे स्टील की दीवार के समान होते हैं, जो उनके दृढ़ संकल्प और धार्मिक प्रेरणा को दर्शाता है।
भारत-पाकिस्तान तनाव और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान और भारत के बीच मई 2025 में तनाव बढ़ गया, जब भारत ने कश्मीर में एक आतंकी हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंधूर' के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन बुन्यान अल-मर्सूस' के तहत भारतीय ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इस संघर्ष में दोनों देशों में नागरिक हताहत हुए, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संयम की अपील की।