पाक जासूस ने किया अपने ही देश का भंडाफोड़, भारत की बात पर लगा दी मोहर

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2017 - 04:01 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान आतंकवाद की शरणस्थली है और भारत लगातार इस बात के सबूत देता आया है लेकिन पाक इस बात को मानने से इंकार करता रहा है। इस बार पाकिस्तान के ही एक अधिकारी ने अपने ही देश का भंडाफोड़ करते हुए पाक की एजैंसियों पर आतंकी समर्थक होने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका तक लगाई है। पाक के आंतकवादी समर्थक होने के भारत के आरोपं पर अब पाक जासूस की भी मोहर लग गई है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक मुख्तार अहमद शहजाद जो कि पाकिस्तानी इंटेलीजेंट ब्यूरो में असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर हैं, ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसके साथी ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है जिसमें उन्होंने मामले की जांच आईएसआई से करवाने की अपील की है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अमीर फारूकी ने यह केस चीफ जस्टिस को इस नोट के साथ भेजा है कि इसे जस्टिस शौकत अजीज को ट्रांसफर किया जा सकता है क्योंकि एक आइडेंटिकल केस कोर्ट में पहले से पैंडिंग है। याचिका में कहा गया है कि पुख्ता सबूत दिए जाने के बाद भी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं हुई।

इंटैलीजैंस की पूरी गैदरिंग प्रोसेस में यह समझ आया कि कुछ उच्च स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि आईबी के डायरेक्टर को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक मुख्तार अहमद शहजाद जो कि पाकिस्तानी इंटेलीजेंट ब्यूरो में असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर हैं, ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसके साथी ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है जिसमें उन्होंने मामले की जांच आईएसआई से करवाने की अपील की है।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अमीर फारूकी ने यह केस चीफ जस्टिस को इस नोट के साथ भेजा है कि इसे जस्टिस शौकत अजीज को ट्रांसफर किया जा सकता है क्योंकि एक आइडेंटिकल केस कोर्ट में पहले से पैंडिंग है। याचिका में कहा गया है कि पुख्ता सबूत दिए जाने के बाद भी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं हुई।इंटैलीजैंस की पूरी गैदरिंग प्रोसेस में यह समझ आया कि कुछ उच्च स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि आईबी के डायरेक्टर को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
 


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