IAEA के प्रस्ताव पर दोबारा विचार कर सकता है ईरान

punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2020 - 09:42 AM (IST)

वियना: ईरान ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को अपने परमाणु संयंत्रों की निगरानी नहीं करने देने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकता है। IAEA में ईरान के राजदूत काजिम गारिब अबादी ने एक वक्तव्य जारी कर यह बात कही।  अबादी ने कहा कि IAEA ने इस तथ्य की अनदेखी की है कि एजेंसी प्रत्येक वर्ष ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थलों पर 35 से अधिक मिशनों को अंजाम दे रही थी। ईरानी राजदूत ने कहा, ‘‘ इस तरह की अनदेखी से हमें आश्चर्य और गहरा दुख हुआ है। यदि इसी तरह की निगरानी की अनुमति को परमाणु ऊर्जा एजेंसी नहीं मानेगी तो ईरान के पास अपने हितों के मुताबिक फैसले लेने का अधिकार है।''

 

IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने सोमवार को कहा था कि ईरान से राजनीतिक तौर पर बातचीत शुरू करने के लिए पहले उसके परमाणु संयंत्रों की निगरानी करने की जरुरत है। दरअसल, गत सप्ताह  ईरान ने परमाणु समझौते का उल्लंघन करते हुए एक टन से अधिक मात्रा में कम संवर्धित यूरेनियम एकत्र कर लिया Le । IAEA ने ईरान से आग्रह कर कहा है कि वह परमाणु एजेंसी को अपने दो परमाणु संयंत्रों की निगरानी करने की अनुमति प्रदान करे तभी किसी भी प्रकार की बातचीत शुरू की जा सकती है।

 

IAEA ने ईरान से आग्रह कर कहा है कि वह परमाणु एजेंसी को अपने दो परमाणु संयंत्रों की निगरानी करने की अनुमति प्रदान करे तभी किसी भी प्रकार की बातचीत शुरू की जा सकती है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2018 में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए हैं।

 

इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका ने ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए हुए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।  


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Tanuja

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