Iran ने यमन में हूती विद्रोहियों को दिया बड़ा झटका, सैनिकों को बुलाया वापस

punjabkesari.in Friday, Apr 04, 2025 - 03:57 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। ईरान ने अमेरिका और इजरायल के बढ़ते हमलों के बीच यमन के हूती विद्रोहियों को एक बड़ा झटका दिया है। ईरान की सरकार ने अपने सैन्य कमांडरों से कहा है कि वे तुरंत यमन छोड़ दें। इस कदम का उद्देश्य अमेरिका और इजरायल से सीधे टकराव से बचना है। इस स्थिति ने हूती विद्रोहियों को अकेला छोड़ दिया है और अब उन्हें बिना किसी बाहरी समर्थन के संघर्ष करना पड़ेगा। रिपोर्टों के मुताबिक ईरान ने यह फैसला अमेरिकी हमलों के खौफ के कारण लिया है।

अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है। इसके अलावा अमेरिकी परमाणु बॉम्बर बी-2 भी अब इस हमले में शामिल हो गए हैं। एक ईरानी अधिकारी के मुताबिक ईरान की सरकार ने अपनी सैन्य टुकड़ियों को वापस बुलाने का फैसला इसलिए लिया है ताकि वह अमेरिका से सीधे टकराव से बच सके।

अमेरिका के हमलों में ईरानी सैनिक की मौत

अमेरिका के इन हमलों में ईरान के एक सैनिक की भी मौत हो गई है और इससे ईरान की क्षेत्रीय नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। ईरान अब अपने समर्थक समूहों जैसे कि हमास, हूती और हिज्बुल्लाह से समर्थन कम कर रहा है ताकि वह अमेरिका से सीधे युद्ध में न उलझे। ईरान के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन के खिलाफ उनकी चिंता का मुख्य कारण है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिनके खिलाफ ईरान के हर बैठक में चर्चा होती है।

ट्रंप की धमकी और बढ़ता दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बार-बार चेतावनी दी है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम और हूती विद्रोहियों को दिए जाने वाले समर्थन को बंद करे। ट्रंप ने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाते हुए दो परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर को ईरान के पास तैनात किया है और बड़े पैमाने पर बी-2 बॉम्बर को डिएगो गार्सिया में तैनात किया है। ट्रंप का कहना है कि यदि हूती विद्रोही ईरान के समर्थन से हमला करते हैं तो इसे ईरान के खिलाफ हमला माना जाएगा।

हूती विद्रोही लड़ाई में हो रहे हैं कमजोर 

ईरानी सूत्रों का कहना है कि हूती विद्रोही अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहे हैं। अमेरिका ने लगातार हमले करके हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। ताजा हमले में कम से कम छह लोग मारे गए हैं। ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर हमले तेज कर दिए हैं जिससे यमन में विद्रोहियों की स्थिति कमजोर होती जा रही है। अब तक इन हमलों में 67 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

अमेरिका ने यमन में बमबारी की बढ़ाई दर

अमेरिका के इन हमलों के बारे में अधिक जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि अमेरिका ने 200 से ज्यादा हमले किए हैं। इसके परिणामस्वरूप ईरान की स्थिति कमजोर हुई है और उन्होंने हूती नेताओं को भी मार गिराया है। हालांकि हूती विद्रोहियों ने अभी तक किसी भी नेता की मौत की पुष्टि नहीं की है और न ही अमेरिका ने किसी मृत विद्रोही नेता का नाम उजागर किया है।

फिलहाल इस संघर्ष में अब ईरान का समर्थन कम होने से हूती विद्रोही अकेले पड़ गए हैं और अमेरिकी हमलों के बाद उनकी स्थिति और भी कमजोर होती जा रही है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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