Israel-Iran War: ईरान-इज़राइल युद्ध पर अमेरिका की दुविधा: ट्रंप दो सप्ताह में लेंगे अहम फैसला
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 12:22 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः मध्य-पूर्व में ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में सबकी निगाहें अब अमेरिका और उसके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी हैं। व्हाइट हाउस ने संकेत दिए हैं कि ट्रंप आगामी दो हफ्तों में यह निर्णय लेंगे कि क्या अमेरिका को इज़राइल के साथ मिलकर ईरान के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई में भाग लेना चाहिए या नहीं।
ट्रंप की कूटनीतिक सोच बनी बाधा या रास्ता?
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप अभी भी मानते हैं कि ईरान के साथ बातचीत का मार्ग पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। उन्होंने कहा,
"निकट भविष्य में अगर कूटनीति के लिए कोई संभावना बनती है, तो हम उस दिशा में बढ़ सकते हैं। अंतिम निर्णय दो सप्ताह में लिया जाएगा।"
इज़राइल को ट्रंप पर भरोसा, नेतन्याहू ने जताया समर्थन
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक ट्रंप की ओर से जो समर्थन मिला है, वह अहम रहा है, और भविष्य में भी सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।
खामेनेई पर हमला फिलहाल स्थगित, ट्रंप बोले- "अभी नहीं"
हाल ही में अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने खुलासा किया था कि इज़राइल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जिसे ट्रंप ने फिलहाल वीटो कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने स्पष्ट किया कि "इस समय खामेनेई को निशाना बनाने की कोई योजना नहीं है।"
ईरानी मिसाइल हमलों से इज़राइल में तबाही
ईरान द्वारा दागे गए मिसाइलों ने इज़राइल के बीरशेबा स्थित एक प्रमुख अस्पताल को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, तेल अवीव में भी कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया, जिसमें करीब 240 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
नेतन्याहू का तीखा बयान – खामेनेई जिम्मेदार, जवाब ज़रूरी
इन हमलों के बाद नेतन्याहू ने कहा कि "खामेनेई इस तबाही के मुख्य जिम्मेदार हैं। जब तक उनका अंत नहीं होता, युद्ध जारी रहेगा।" उन्होंने अस्पताल पर हमले को अमानवीय करार देते हुए ईरानी नेतृत्व को चेतावनी दी है।
क्या ट्रंप युद्ध में उतरेंगे? दुनिया को है इंतज़ार
अब दुनिया की नज़र ट्रंप के फैसले पर है। अगर अमेरिका इस संघर्ष में इज़राइल का सीधा साथ देता है, तो यह युद्ध एक और बड़ा वैश्विक संकट बन सकता है। लेकिन अगर बातचीत का रास्ता चुना जाता है, तो आने वाले दिनों में कुछ राहत जरूर मिल सकती है।