सेल्फी बंदर विलुप्त होने का खतरा

punjabkesari.in Monday, Apr 03, 2017 - 02:29 PM (IST)

वॉशिंगटन: ब्लैक मकाकी(काला बंदर) अपनी सेल्फी लेने के बाद बहुत चर्चा में आया था। चर्चा में आने का सबसे बड़ा कारण था कि इस बंदर ने अमरीका की एक अदालत में अपनी सेल्फी पर दावा ठोका था। इस बार यह फिर चर्चा में हैं क्योंकि अब इन बंदरों की जान को बड़ा खतरा है।

इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए अभियान चलाने वाली संस्था सेलमातक याकी की यूनिता सिवी ने बताया कि  इंडोनेशिया के दूर दराज के इलाकों और घने जंगल के बीच बंदरों को बहुत खतरा है क्योंकि उन्हें इंसानों द्वारा खाया जा रहा है। इसी की वजह से यह खास मकाकी प्रजातियां कम होती जा रही हैं। आने वाले समय में इनके विलुप्त होने का भी खतरा है।यहां आवास कम हो रहे हैं और लोग बंदरों को खा रहे हैं। लोग बंदरों को न खाएं इसके लिए अधिकारी और कार्यकर्ता सुलावेसी द्वीप पर लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह बंदर स्थानीय समुदाय के भोजन का हिस्सा बनने वाले कई विदेशी जानवरों में से एक हैं।

इस बंदर का वैज्ञानिक नाम मकाकी निग्रा है, बाघ और ऑरंगुटानों सहित पूरे इंडोनेशिया में पाए जाने वाले विदेशी वन्यजीवों का एक बहुरूपदर्शक हिस्सा है। इन जानवरों के आवासों को भी शिकारी अपना निशाना बना रहे हैं जो इनके लिए एक बड़ा खतरा है। आपको बता दें कि बंदर की सेल्फी के दावे के बाद अमरीकी कॉपीराइट कार्यालय ने भी इस मामले में एक भूमिका निभाई थी। उसने अपनी कॉपीराइट नीति को अपडेट करते हुए कहा कि सिर्फ इंसानों द्वारा किया गया काम ही कॉपीराइट की श्रेणी में आता है। जानवरों द्वारा किया गया काम इस श्रेणी में नहीं आता है। फोटो इंडोनेशियाई बंदर ने ब्रितानी नेचर फोटोग्राफर डेविड स्लैटर के कैमरे का बटन दबाकर ली थी। बंदर की यह सेल्फी वायरल हो गई थी। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ‘पेटा’ ने अमरीका के सैन फ्रांस्सिको की एक अदालत में मुकदमा भी दायर किया गया था। उसने इस मुकदमे में इंडोनेशियाई बंदर के अलावा ब्रितानी नेचर फोटोग्राफर डेविड स्लैटर को पक्षकार बनाया था। पेटा का कहना था कि बंदर की इस 
तस्वीर से होने वाली आय बंदर को ही मिलनी चाहिए।


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