ब्रिटेन में खिलेगा ‘मेड इन इंडिया’ ज्वेलरी का जलवा, FTA से मिलेगा बड़ा फायदा
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 04:39 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। हाल ही में हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) जिसे व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (CETA) भी कहा जाता है भारतीय रत्न और आभूषण निर्यात के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रे का मानना है कि यह समझौता भारत से आभूषण निर्यात को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।
FTA से निर्यात में जबरदस्त उछाल की उम्मीद
2024 में भारत ने ब्रिटेन को 941 मिलियन डॉलर मूल्य के रत्न और आभूषण निर्यात किए थे जबकि ब्रिटेन से आयात 2.7 बिलियन डॉलर था जिससे इस क्षेत्र में कुल द्विपक्षीय व्यापार 3.6 बिलियन डॉलर हो गया।
FTA लागू होने के साथ ब्रिटेन को भारतीय रत्न और आभूषण निर्यात बढ़कर 2.5 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और अगले दो वर्षों में इस क्षेत्र में कुल व्यापार 6 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह भारतीय आभूषण उद्योग के लिए एक बड़ी छलांग होगी।
ब्रिटेन में भारतीय आभूषणों की बढ़ती मांग
रे ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ब्रिटेन में एक बड़ी दक्षिण एशियाई आबादी है जिसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के लोग शामिल हैं जो पारंपरिक रूप से जातीय आभूषण पसंद करते हैं। यह प्रवृत्ति भारतीय निर्यात के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। इसी मांग को पूरा करने के लिए मालाबार गोल्ड और कल्याण ज्वैलर्स जैसे भारतीय खुदरा विक्रेताओं ने पहले ही ब्रिटेन में अपने स्टोर खोल दिए हैं।
FTA के तहत आयात शुल्क शून्य हो जाने से भारतीय ज्वैलर्स अब हांगकांग और चीन के मौजूदा खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की एक मजबूत स्थिति में होंगे। विशेष रूप से चांदी के आभूषणों से निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि ब्रिटेन में इसकी मांग काफी अधिक है जबकि वर्तमान में उस श्रेणी में भारतीय निर्यात सीमित है।
कपड़ा और फुटवियर क्षेत्र को भी मिलेगा लाभ
उद्योग जगत के नेताओं का मानना है कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से केवल आभूषण ही नहीं बल्कि कपड़ा और फुटवियर क्षेत्रों के निर्यात में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होगी जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से लाभ मिलेगा।
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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर सतर्क आशावाद
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के बारे में पूछे जाने पर सब्यसाची रे ने सतर्क आशावाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ वार्ता अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और भारत सरकार एक व्यापक समझौते पर पहुँचने को लेकर आशान्वित और आश्वस्त है।
रे ने यह भी बताया कि विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों की कई घोषणाएँ तो हुई हैं लेकिन आयात शुल्क और मूल्य संवर्धन जैसे विवरण अक्सर अंतिम रूप नहीं दिए जाते। उन्होंने अमेरिका के साथ एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के महत्व पर ज़ोर दिया जिसमें भारत के लिए एक निष्पक्ष और लाभकारी समझौता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक विवरण शामिल होने चाहिए।