विशेषज्ञ का दावा- भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी व रक्षा क्षेत्र में करीबी सहयोग को तैयार
punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2023 - 01:30 PM (IST)

वाशिंगटन: विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत के डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन द्वारा क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (ICET ) पर भारत-अमेरिका पहल की शुरुआत एक महत्वपूर्ण संकेत है कि दोनों देश बाधाओं को तोड़ने, प्रौद्योगिकी में संबंधों को बढ़ावा देने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल और सुलिवन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में अपने संबंधित उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडलों के साथ पहले ICET संवाद के लिए मुलाकात की।
‘सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी' में हिंद-प्रशांत सुरक्षा कार्यक्रम की वरिष्ठ फेलो और निदेशक लीज़ा कर्टिस ने बताया, “भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच पहली आईसीईटी बैठक का आयोजन संबंधों के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है और यह संकेत देता है कि दोनों पक्ष निकट प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग के वास्ते बाधाओं को तोड़ने के लिए तैयार हैं।” CIA की पूर्व अधिकारी कर्टिस 2017 से 2021 तक दक्षिण और मध्य एशिया के लिए राष्ट्रपति और एनएससी के वरिष्ठ निदेशक की उप सहायक थीं। इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कर्टिस ने कहा, “दोनों पक्ष उभरती हुई प्रौद्योगिकी साझेदारी से लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार हैं: भारत रक्षा प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्राप्त करेगा और ऐसे समय में अपनी क्षमताओं को मजबूत करेगा जब चीन-भारत सीमा संघर्ष बढ़ रहा है और जून 2020 में गलवान और दिसंबर 2022 में तवांग के निकट हुए संघर्ष जैसे मामले बढ़ रहे हैं।” ‘यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम' (USISPF) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा, “ISET की शुरुआत अमेरिका-भारत साझेदारी में एक महत्वपूर्ण क्षण है।” उन्होंने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित ‘नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार' (NISAR) पृथ्वी अवलोकन उपग्रह पर काम पूरा करना इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि अंतरिक्ष में अमेरिका-भारत की साझेदारी दुनिया को कैसे लाभान्वित कर सकती है। उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन हमारे सामने एक वास्तविक खतरा है और एनआईएसएआर दोनों देशों को इस खतरे से लड़ने के लिए करीब लाता है।”