भारत ने ट्रंप के ‘मध्यस्थता’ के दावे को किया खारिज, कहा-संघर्षविराम पूरी तरह द्विपक्षीय निर्णय

punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 12:14 PM (IST)

International Desk: भारत ने अमेरिका द्वारा भारत-पाक संघर्षविराम में "निर्णायक भूमिका" निभाने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ शब्दों में कहा कि यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर हुई सीधी बातचीत का नतीजा है, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही।मिसरी के अनुसार,  शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) ने भारतीय डीजीएमओ को फोन किया  जिसमें दोनों पक्षों के बीच नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चल रही सैन्य कार्रवाइयों को रोकने को लेकर सहमति बनी।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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इसके तहत शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र – सभी मोर्चों पर संघर्षविराम लागू कर दिया गया।इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ सोशल' पर यह दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम अमेरिका की कूटनीतिक पहल और मध्यस्थता का नतीजा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने भी इस बयान को दोहराया।ट्रंप ने कहा कि उन्हें “दोनों देशों के नेतृत्व पर गर्व है” और अमेरिका ने इस ऐतिहासिक कदम तक पहुंचने में मदद की है। उन्होंने कश्मीर पर भी समाधान तलाशने की बात कही।


 
हालांकि भारत ने स्पष्ट रूप से अमेरिका की किसी मध्यस्थता को नकार दिया है, लेकिन कुछ कूटनीतिक सूत्रों का मानना है कि अमेरिका ने पाकिस्तान पर IMF लोन को लेकर दबाव डाला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने संकेत दिया था कि अगर पाकिस्तान संघर्षविराम पर सहमत नहीं होता, तो उसे मिलने वाले 1 अरब डॉलर के IMF कर्ज  पर असर पड़ सकता है। भारत-पाक संघर्षविराम भले ही कूटनीतिक सफलता की तरह देखा जा रहा हो, लेकिन अमेरिका द्वारा खुद को इसका "नायक" बताने की कोशिशों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई बहस छेड़ दी है। भारत की स्थिति स्पष्ट है  यह निर्णय दो संप्रभु राष्ट्रों के बीच हुआ द्विपक्षीय संवाद का परिणाम है, न कि किसी बाहरी ताकत की साजिश या मध्यस्थता का।

 


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Content Writer

Tanuja

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