हो गई बड़ी डील: घड़ियां, चॉकलेट... खाने-पीने से लेकर फैशन तक, 1 अक्टूबर से यह चीज़ें हो जाएंगी सस्ती

punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 09:28 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आने वाला है! यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ भारत का बहुप्रतीक्षित व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो जाएगा। इस ऐतिहासिक डील से न केवल देश में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है बल्कि कई उपभोक्ता वस्तुएं भी सस्ती हो जाएंगी।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि EFTA देशों ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है जो रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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EFTA में कौन से देश शामिल हैं?

EFTA में यूरोप के चार देश शामिल हैं:

  • आइसलैंड

  • लिकटेंस्टीन

  • नॉर्वे

  • स्विट्जरलैंड

इस समझौते पर 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे और इससे भारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आने तथा कई क्षेत्रों में व्यापार एवं आर्थिक सहयोग गहरा होने की संभावना है।

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10 लाख नौकरियां और भारी निवेश का वादा

केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि यह समझौता पहले 10 वर्षों के भीतर 50 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लाएगा और अगले 5 वर्षों में 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश होगा। यह कुल 100 अरब डॉलर का निवेश ही भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।

व्यापार, निवेश और व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक डेडिकेटेड भारत-EFTA डेस्क भी शुरू किया गया है। गोयल ने कहा कि यह डेस्क सरकारों और निजी कंपनियों दोनों के लिए 'सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म' के रूप में कार्य करेगा जिससे व्यापार करना और आसान हो जाएगा।

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भारतीय निर्यातकों को मिलेगा प्रीमियम यूरोपीय बाजार, चीजें होंगी सस्ती

TEPA भारत के सबसे व्यापक व्यापार समझौतों में से एक है। इससे भारतीय निर्यातकों के लिए प्रीमियम यूरोपीय बाजार खुलने की उम्मीद है साथ ही पूंजी, इनोवेशन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस समझौते के तहत EFTA अपने 92.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है जो इस क्षेत्र में भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है। EFTA की बाजार पहुँच की पेशकश में 100 प्रतिशत गैर-कृषि उत्पाद और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (PAP) पर टैरिफ रियायत शामिल है। भारत भी अपनी 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है जो EFTA के 95.3 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है।

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कौन सी चीजें होंगी सस्ती?

इस समझौते से घरेलू ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद जैसे घड़ियां, चॉकलेट और बिस्कुट कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि भारत व्यापार समझौते के तहत इन वस्तुओं पर सीमा शुल्क को 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा।

हालांकि सोने पर प्रभावी शुल्क अपरिवर्तित रहेगा। फार्मा, चिकित्सा उपकरण और प्रसंस्कृत खाद्य आदि क्षेत्रों में PLI (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) से संबंधित संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव दिए गए हैं। डेयरी, सोया, कोयला और संवेदनशील कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों को बहिष्करण सूची में रखा गया है यानी इन पर शुल्क रियायतें लागू नहीं होंगी।

यह समझौता भारत की "मेक इन इंडिया" पहल को बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार में देश की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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