अफगानिस्तान में 6 साल की लड़की से 45 साल के शख्स ने किया निकाह, तालिबान ने पति के सामने रखी ये शर्त
punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 11:42 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान के हेलमंड प्रांत के मरजाह जिले में एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने 6 साल की मासूम बच्ची से निकाह रचाया, जिससे पूरी दुनिया में गुस्सा फैल गया है। इस मामले की जानकारी अमेरिका स्थित अफगान मीडिया चैनल Amu.tv ने दी।
तालिबान भी चौंके, लेकिन शादी बनी रही
इस घटना की तस्वीरें वायरल होते ही तालिबान अधिकारी भी 'हैरान' रह गए। उन्होंने दूल्हे को फिलहाल बच्ची को अपने घर ले जाने से रोक दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने कहा कि लड़की को 9 साल की उम्र में ससुराल ले जाया जा सकता है, लेकिन अभी नहीं।हालांकि, यह शादी अब भी वैध मानी जा रही है और इसे रद्द नहीं किया गया है।
दूल्हे के पहले से दो पत्नियां, पैसे देकर की बच्ची से शादी
स्थानीय अखबार Hasht-e Subh Daily के मुताबिक, दूल्हे ने बच्ची के परिवार को पैसे देकर यह निकाह करवाया।
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दूल्हे की पहले से दो पत्नियां हैं।
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शादी के बाद लड़की के पिता और दूल्हे दोनों को गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन अब तक उन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
तालिबान शासन में बाल विवाह में भारी बढ़ोतरी
तालिबान जब से 2021 में सत्ता में लौटे हैं, तब से महिलाओं की शिक्षा और नौकरी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके कारण अफगानिस्तान में बचपन में शादी (Child Marriage) और कम उम्र में मां बनने के मामलों में भारी वृद्धि हुई है:
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UN Women के अनुसार, ऐसे प्रतिबंधों के कारण:
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25% बढ़ोतरी हुई बाल विवाह में
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45% बढ़ोतरी हुई कम उम्र में प्रसव में
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UNICEF के अनुसार, अफगानिस्तान दुनिया के उन देशों में से एक है जहां सबसे ज्यादा बाल वधुएं पाई जाती हैं।
ICC ने तालिबान नेताओं पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए
इस तरह की घटनाओं और महिलाओं पर अत्याचार को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने दो वरिष्ठ तालिबान नेताओं पर मानवता के खिलाफ अपराध के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं:
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तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्ला अखुंदज़ादा
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तालिबान के चीफ जस्टिस अब्दुल हकीम हक्कानी
ICC का कहना है कि उनके पास यह मानने के पर्याप्त आधार हैं कि इन दोनों ने तालिबान के सत्ता में आने के बाद महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न में बड़ी भूमिका निभाई। तालिबान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ICC को नहीं मानते और इसे “इस्लाम का अपमान” बताया।
बाल विवाह के खतरनाक परिणाम
मानवाधिकार संगठनों और विशेषज्ञों का कहना है कि बाल विवाह लड़कियों के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। इसके कारण:
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कम उम्र में गर्भधारण
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यौन और शारीरिक शोषण
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मानसिक तनाव और डिप्रेशन
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समाज से अलगाव
अफगानिस्तान में कई बार लड़कियों को जन्म से ही उनके रिश्तेदारों से शादी के लिए 'नामांकित' कर दिया जाता है — इसे 'नेमिंग' (naming) कहा जाता है, जो लड़की को परिवार की 'संपत्ति' मानता है।