मुस्लिमों को लेकर चीन में सामने आई PM इमरान की सच्चाई, उइगर अत्याचारों को लेकर किया शी का समर्थन
punjabkesari.in Monday, Feb 07, 2022 - 01:58 PM (IST)
इस्लामाबाद: दुनिया भर में मुस्लिमों को लेकर दुहाई देने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दोगला चरित्र फिर सामने आ गया है। प्रधानमंत्री इमरान ने चीन से "भीख" लेने के लिए वहां के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों पर हो हरे शोषण से मुंह फेर लिया है। उन्होंने उइगरों को लेकर चीन पर लगने वाले उन आरोपों से भी मुंह फेर लिया है जो विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और पश्चिम जगत द्वारा लगाए गए हैं।
बता दें कि इमरान खान पिछले दिनों चीन के आधिकारिक दौरे पर बीजिंग गए थे। वहां पर उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत अन्य नेताओं और शीर्ष अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर बात की। इस दौरान हुई बातचीत में व्यवसायिक मुद्दे भी शामिल थे और चीन के कर्ज को वापस लौटाने के मुद्दे भी शामिल थे। पाकिस्तान ने इस दौरान खुलकर चीन का समर्थन किया और उइगरों पर हो रहे अत्याचारों से अपनी आंखें मूंद लीं। वो चीन को समर्थन देने की खातिर एक बार से फिर से जो दक्षिण चीन सागर और वन चाइना पालिसी से संबंधित मुद्दों पर चीन का समर्थन करते नजर आए।
शी और इमरान खान की बैठक के बाद जारी एक साझा बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ताइवान समेत दक्षिण चीन सागर, हांगकांग और शिनजियांग प्रांत के मुद्दे पर भी शी चिनफिंग की नीतियों का पूरा समर्थन करता है। बता दें कि ये सभी वो मुद्दे हैं जिनको लेकर चीन का पश्चिमी देशों के साथ विवाद है। पश्चिमी जगत बीजिंग की इन नीतियों की कड़ी आलोचना करता आया है। चीन को मिले पाकिस्तान के समर्थन के जवाब में शी ने भी पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा पर उसका साथ दिया और सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग की बात कही।
पाकिस्तान ने विश्व के करीब 243 संगठनों के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जो शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों पर हो रहे अत्याचारों के बाबत चीन पर लगे थे। इन संगठनों की मांग थी कि चीन के खिलाफ विश्व को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए। इन संगठनों ने ही जनवरी के शुरुआत में ये अपील भी की थी कि बीजिंग में हो रहे विंटर ओलंपिक गेम्स का बहिष्कार करना चाहिए। बता दें कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कार्यकाल में शिनजियांग समेत पूरे तिब्बत में मानवाधिकार के उल्लंघन की कई घटनाएं सामने आई हैं। आजादी की मांग करने वाले तिब्बतियों को जेल में डाला गया है और उन पर अत्याचार किए गए हैं।