पाकिस्तान की बढ़ी मुसीबतः ऋण के लिए  IMF ने रखी नई कड़ी शर्तें, बैकफुट पर आई शहबाज सरकार

punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2023 - 12:53 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)  से बेलआउट सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। IMF ने पाक को कर्ज देने के लिए  समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले एक नई शर्त रखी है। IMF  द्वारा पेश की गई नई शर्त पाकिस्तान के लिए ऋण लेना और  भी मुश्किल बना सकती हैं।वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान को मित्र देशों से द्विपक्षीय वित्तपोषण के आश्वासन की जरूरत है, जो उन्होंने IMF   सौदे को सुरक्षित करने के लिए पहले किया था। डार ने कहा कि पिछली IMF   समीक्षाओं के दौरान कई मित्र देशों ने पाकिस्तान का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई थी ।

 

IMF अब कह रहा था कि वे देश उन प्रतिबद्धताओं को "पूरा करें और अमल में लाएं"।  समां टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि IMF ने   30 जून तक  सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सहित मित्र देशों से पाक को ऋण देने से पहले वित्तपोषण का लिखित आश्वासन मांगा है। एक रिपोर्ट के अनुसार IMF  मित्र देशों और बहुपक्षीय लेनदारों से जून 2023 के अंत तक बाहरी खाते में 6-7 बिलियन अमरीकी डालर के वित्तपोषण अंतर को भरने के लिए 200 प्रतिशत आश्वासन प्राप्त करने के लिए कह रहा है। 

 

वित्त पोषण की खाई को पाटने के लिए पाकिस्तान को नए ऋणों में $ 6 बिलियन की आवश्यकता है, लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने पाकिस्तान द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अभी तक ये ऋण नहीं दिए हैं। दरअसल, अगस्त 2018 में जब इमरान खान सत्ता में आए थे, तभी पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब हो गई थी।  इस वजह से उनकी सरकार ने IMF के साथ 6.5 अरब डॉलर के    कर्ज का समझौता किया था।  स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, दिसंबर 2022 तक मुल्क पर 63.86 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए का कर्ज है।

 

IMF की  नई शर्तें

  • IMF ने नई शर्त में कहा है कि पाकिस्तान को लंबी दूरी के परमाणु मिसाइल कार्यक्रम का परित्याग करना होगा ।
  • इसके अलावा  रक्षा बजट में 15% की कटौती करे। 
  • चीनी ऋणों और CPEC निवेशों का थर्ड पार्टी ऑडिट करे  ।
  • दोस्त देशों के साथ वित्तपोषण अंतर को पाटना।
  • विपक्षी नेताओं से राजनीतिक स्थिरता का आश्वासन ले। 

 

शहबाज शरीफ  सरकार बैकफुट पर
बता दें कि  पाकिस्तान लगातार IMF से बातचीत कर रहा है, जल्द से जल्द से IMF कर्ज देने के लिए तैयार हो जाए इसके लिए तमाम शर्तें भी मान रहा है  लेकिन पाकिस्तान के सामने IMF ने एक नई शर्त र का जिक्र होते ही शहबाज शरीफ की सरकार बैकफुट पर आ गई। शहबाज शरीफ सरकार ने IMF से कह दिया कि चाहे जो भी हो जाए लेकिन वह अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम से समझौता नहीं कर सकते हैं  वित्त मंत्री इशाक डार ने भी इस मसले पर अपना बयान दिया है। 

 
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने संसद में रजा रब्बानी के सवाल के जवाब में कहा कि IMF से कर्ज के लिए पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम से कोई समझौता नहीं किया जाएग।  जो भी डील IMF और पाकिस्तान के बीच होगी उसको वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिससे सभी लोग उसके बारे में जान सकें।  परमाणु कार्यक्रम से समझौते का तो सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है। यहां महंगाई अपनी चरम सीमा है। लोग दो वक्त रोटी को मोहताज हैं। ट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छू रही है। हालांकि, कर्ज पर IMF से पाकिस्तान की बातचीत लंबे समय से चल रही है लेकिन बातचीत अभी तक नहीं बन पाई है। 


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Content Writer

Tanuja

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