100 मंजिला इमारतें भूकंप में ज्यादा सेफ,आर्किटेक्ट बनाना चाहते हैं 1 KM लंबी बिल्डिंग

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 05:49 PM (IST)

जालंधर, इंटरनैशनल डैस्क: जापान के आर्किटेक्ट डेविड मैलॉट ने दावा किया हे कि ऊंची इमारतें ऊंचाई की वजह से भूकंप के दौरान ज्यादा मजबूती से अपनी जगह खड़ी रहती है। उनका मानना हे कि कम या मध्यम ऊंचाई की इमारतें जमीन हिलने पर ज्यादा संवेदनशील होती हैं और उनके मलबे के ढेर में तब्दील होने की संभावना होती है, जबकि सौ मंज़िला इमारत भूकंप की आवृत्ति से बाहर होती हैं। दुनिया की कुछ ऊंची इमारतों का बनाने वाले डेविड कहते है कि वह करीब  एक मील (1.6 किमी) इमारत (टावर) बनाना चाहते हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत से दोगुना ऊंची होगी और इसमें करीब 250 फलोर होंगे। यह आकाश में बसा हुआ एक शहर होगा और इसमें 50 हजार लोगों का बसेरा होगा।

2011 में जापान में भूकंप से मरे थे 18 हजार लोग
डेविड का जन्म जापान में ही हुआ है। वह कहते हैं कि भूकंप जापान की रोज़मर्रा ज़िंदगी का हिस्सा है। वह बताते हैं कि 11 मार्च 2011 को जापान में सबसे ज़्यादा लंबे समय तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, इनका प्रभाव इतना जोरदार था कि सुनामी लहरें उठीं और एक न्यूक्लियर पावर प्लांट मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। इस घटनाक्रम के दौरान जापान में करीब 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी।  

15 साल से ऊंची इमारतों पर अध्ययन
मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में डेविड कहते हैं कि ये इमारत सुरक्षित होगी। वह बताते हैं कि वह 15 साल से ऊंची इमारतों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले शंघाई वर्ल्ड फाइनेंशियल सेंटर का निर्माण करवाया था। डेविड कहते है कि इसकी ऊंचाई 492 मीटर है और साल 2008 में सिचुआन में आए भूकंप भी इस इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा पाया था। भूकंप के दौरान इस टावर का ऊपरी हिस्सा एक मीटर के करीब हिला था।

इमारतों की उम्र सौ से दो सौ साल
वह बताते हैं कि आधुनिक दौर की कुछ गगनचुंबी इमारतों में कम ऊंचाई वाली इमारतों के मुक़ाबले कई खूबियां हैं। पहली ये कि भूकंप के झटकों के दौरान कम ऊंची इमारतें मलबा बन जाती हैं जबिक ऊंची इमारतें अपनी जगह खड़ी रहती हैं। दूसरी बात ये है कि ये सबसे आधुनिक डिजाइन और सामग्री से तैयार होती हैं। इसके लिए काफी पैसों की ज़रूरत होती है। डेविड बताते हैं कि इन इमारतों को सौ या दो सौ साल तक टिके रहने के लिए डिजाइन किया जाता है। डेविड बताते हैं कि बेहतर डिजाइन और कड़े परीक्षण से तैयार ऊंची इमारतों को बहुत हद तक भूकंपरोधी बनाया जा सकता है।


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Content Editor

SS Thakur

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