अमेरिका-कनाडा सीमा पर भारतीय परिवार की दर्दनाक मौत: मानव तस्करी के सरगना "डर्टी हैरी" को 10 साल की सजा
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 02:41 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका और कनाडा की सीमा पर साल 2022 में ठंड से जमकर मरे एक भारतीय परिवार की दर्दनाक घटना में न्यायालय ने बुधवार को मुख्य आरोपी हर्षकुमार रमनलाल पटेल उर्फ "डर्टी हैरी" को 10 साल की सजा सुनाई है।
यह मामला:
यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा है, जिसमें भारत के गुजरात राज्य के डिंगुचा गांव के जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशालिबेन, 11 साल की बेटी विहांगी और 3 साल के बेटे धर्मिक की मौत हो गई थी। ये परिवार -36 डिग्री सेल्सियस की जानलेवा ठंड में अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था और केवल 33 फीट दूर ही उनकी मौत हो गई थी।
मौत का जिम्मेदार कौन?
अमेरिकी अदालत के अनुसार, इस खतरनाक तस्करी ऑपरेशन का मास्टरमाइंड हार्षकुमार पटेल था, जो भारत का नागरिक है और डिंगुचा गांव का ही निवासी है। उसे ‘डर्टी हैरी’ नाम से जाना जाता था।
इस मामले में एक और आरोपी, स्टीव एंथनी शैंड, जो फ्लोरिडा (अमेरिका) का निवासी है, को 6.5 साल की सजा सुनाई गई। उस पर आरोप था कि उसने सीमा पर लोगों को पहुंचाने का काम किया। अभियोजकों ने उसके लिए 11 साल की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उसकी सीमित भूमिका को देखते हुए कम सजा दी।
जज का बयान: यह मौतें टाली जा सकती थीं
जज जॉन टुन्हाइम ने कहा, “यह अपराध असाधारण है क्योंकि इसमें दो छोटे बच्चों समेत चार लोगों की अकथनीय मौत हुई — और ये मौतें रोकी जा सकती थीं।”
तरीका: वीजा से कनाडा, फिर चोरी से अमेरिका
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, पटेल और शैंड एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा थे जो भारत से लोगों को स्टूडेंट वीजा पर कनाडा लाता था और फिर चोरी-छिपे अमेरिका भेजता था। इस नेटवर्क के जरिए कई लोग सीमा पार कर चुके थे।
कोई पछतावा नहीं
हार्षकुमार पटेल ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह केवल एक “छोटा व्यक्ति” था और पूरे ऑपरेशन का लीडर नहीं था। उसके वकील ने केवल 18 महीने की सजा (जो वह पहले ही काट चुका है) की मांग की, लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया।
अभियोजक माइकल मैकब्राइड ने कोर्ट में कहा: “पटेल ने आज तक कोई पछतावा नहीं दिखाया। वह अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि वही 'डर्टी हैरी' है, जबकि पर्याप्त सबूत और उसके साथी की गवाही से यह साबित हो चुका है।”
भारत से भी जुड़ा मामला
मृत परिवार और आरोपी दोनों ही गुजरात के डिंगुचा गांव से हैं, लेकिन दोनों का आपस में कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है। यह गांव पहले भी विदेश जाने की कोशिश करने वाले लोगों के मामलों को लेकर चर्चा में रहा है।