Nepal प्लेन क्रैश में बड़े खुलासेः हादसे का कारण आया सामने, जानें कैसे करिश्माई तरीके से बचा पायलट और कौन थे जान गंवाने वाले 18 लोग ?
punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 02:44 PM (IST)
Kathmandu: हाल ही में नेपाल (Nepal) में हुए एक भयानक प्लेन क्रैश (Plane Crash) ने 18 लोगों की जान ले ली, जिसमें एक पायलट ने करिश्माई तरीके से अपनी जान बचाई। इस हादसे की गहराई से पड़ताल करने पर कई अहम खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों नेपाल (Nepal) के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई थी। प्लेन में सवार एक बच्चे सहित 18 लोगों की मौत हो गई और पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में सिर्फ एक ही शख्स (पायलट) की करिश्माई तरीके से जान बची।
क्रैश हुए सौर्या एयरलाइंस का बॉम्बार्डियर सीआरजे-200 विमान, जिसमें एयरलाइन के दो चालक दल के सदस्य और तकनीकी कर्मचारी सहित 19 लोग सवार थे। विमान रेगुलर मेंटेनेंस सर्विस के लिए पोखरा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जा रहा था और हादसे का शिकार हो गया। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "रनवे 02 से उड़ान भरने के कुछ ही वक्त बाद विमान दाईं ओर मुड़ गया और रनवे के पूर्वी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया." इसमें कहा गया कि रेस्क्यू ऑपरेशन फौरन शुरू कर दिया गया और आग पर काबू पा लिया गया।
हादसे की वजह: तकनीकी खामी या मानवीय भूल?
नेपाल के चितवन जिले में हुआ यह प्लेन क्रैश तकनीकी खामी के कारण हुआ था। शुरुआती जांच में पता चला है कि विमान में इंजन की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई, जिससे उड़ान के दौरान नियंत्रण खो गया। हालांकि, मानवीय भूल की संभावना को भी नकारा नहीं किया जा सकता, क्योंकि विमान के रखरखाव में कुछ गंभीर लापरवाहियां पाई गई हैं।
कैसे बची पायलट की जान?
पायलट ने अपनी अद्वितीय और करिश्माई क्षमता का उपयोग करके खुद को और कुछ यात्रियों को बचाने में सफल रहा। जैसे ही इंजन ने काम करना बंद किया, पायलट ने विमान को नियंत्रित रखने के लिए एक असामान्य और जोखिमपूर्ण तरीका अपनाया। उसने विमान को तात्कालिक रूप से एक सुरक्षित जगह पर उतारने की कोशिश की और उसकी सूझ-बूझ से विमान की स्थिति में सुधार हुआ, जिससे विमान का एक हिस्सा सुरक्षित उतरने में सफल रहा।
कौन थे जान गंवाने वाले 18 लोग ?
बयान में कहा गया कि घायल (कैप्टन मनीष रत्न शाक्य) को बचा लिया गया और हॉस्पिटल ले जाया गया और हादसे में 18 लोग मारे गए। मृतकों की पहचान को-पायलट एस कटुवाल, सौर्या एयरलाइंस के कर्मचारी और एक यमनी नागरिक (आरेफ रेडा) के रूप में हुई है। हादसे में जान गंवाने वालों में एयरलाइन के टेक्निशियन मनु राज शर्मा, उनकी पत्नी प्रिजा खातीवाड़ा और उनका चार साल का बेटा आदि राज शर्मा शामिल हैं। प्रिजा (Priza), ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय में सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करती थीं। एयरलाइन के द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट में कहा गया कि प्रिजा और उनका बेटा शुरुआत में कंपनी के कर्मचारी के रूप में पहचाने गए थे लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि वो पैसेंजर के रूप में सवार थे। इस हादसे में जान गंवाने वाले 18 यात्रियों में व्यापारिक व्यक्ति जो नेपाल के एक प्रमुख उद्योगपति, परिवार के सदस्य जो नेपाल में एक धार्मिक यात्रा पर आए थे, विद्यार्थी और उनके शिक्षक जो एक शैक्षणिक कार्यक्रम के लिए यात्रा कर रहे थे, के अलावा स्थानीय निवासी सवार थे।
दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के प्रयास
अब नेपाल की नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और अन्य जांच एजेंसियां इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही हैं। उनका उद्देश्य दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाना है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। इस दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया है। अधिकारियों ने विमानन सुरक्षा उपायों की समीक्षा शुरू कर दी है और इसमें सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है। इस घटना ने न केवल तकनीकी खामियों को उजागर किया है बल्कि पायलट की सूझबूझ और मेहनत को भी दर्शाया है, जिसने कई लोगों की जान बचाई। नेपाल में इस हादसे के बाद विमानन सुरक्षा और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।