ईरान में भारतीय मूल के कुल कितने लोग हैं और इनमें से कितने हैं छात्र? भारत कैसे दे रहा उन्हें सुरक्षा, जानिए

punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 06:09 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : ईरान और इजरायल के बीच जारी तनावपूर्ण हालात अब एक भयावह संघर्ष का रूप ले चुके हैं। दोनों देशों के बीच लगातार मिसाइल हमलों की वजह से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान की राजधानी तेहरान के नागरिकों को सतर्क करते हुए वहां से निकलने की चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईरान पर और बड़ा हमला हो सकता है। इस युद्ध जैसे माहौल में ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। भारत सरकार और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

ईरान में भारतीयों की संख्या और उनकी सुरक्षा की योजना

वर्तमान में ईरान में लगभग 10,000 भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं, जिनमें से अधिकतर राजधानी तेहरान, मशहद और बंदर अब्बास में बसे हुए हैं। हालात बिगड़ने के बाद दूतावास ने तत्काल प्रभाव से लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों की ओर शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कुछ भारतीयों को तेहरान से हटाकर अपेक्षाकृत सुरक्षित समझे जाने वाले क़ोम (Qom) शहर में ले जाया गया है।

ईरान में कितने भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहें हैं?

ईरान में करीब 1,000 से 1,500 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखती है। मौजूदा संकट के बीच 110 छात्रों को सुरक्षित निकालकर पड़ोसी देश अर्मेनिया भेजा गया है। इन छात्रों को अब वहां से भारत लाने की योजना बनाई जा रही है। अर्मेनिया पहुंचाए गए 110 छात्रों में से लगभग 90 छात्र जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं।

चाबहार बंदरगाह के पास है बंदर अब्बास

ईरान के बंदर अब्बास शहर में भी भारतीयों की अच्छी-खासी आबादी है। यह इलाका चाबहार बंदरगाह के पास स्थित है, जिस पर भारत का प्रशासनिक नियंत्रण है—विशेषकर शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल का संचालन भारत द्वारा किया जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में भी भारत सरकार की निगरानी और व्यवस्था अधिक सक्रिय है। इस संकटपूर्ण स्थिति में भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और ईरान में भारतीय मिशन मिलकर प्रयास कर रहे हैं कि सभी भारतीय नागरिक और छात्र सुरक्षित रहें और उन्हें आवश्यकतानुसार समय पर स्वदेश लाया जा सके।


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News Editor

Rahul Rana

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