हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय में मारा छापा, 11 कर्मचारियों को बनाया बंधक
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 06:36 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रविवार को यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र (UN) की तीन प्रमुख एजेंसियों के कार्यालयों पर समन्वित छापेमारी की। इस दौरान कम से कम 11 संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी हिरासत में ले लिए गए, जिससे स्थानीय और वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ गई है।
इन गिरफ्तारियों के बाद सना और होदेदा में सुरक्षा बलों की तैनाती और कड़ी कर दी गई है। इस कदम को हाल ही में इजरायल के हमले में हूती प्रधानमंत्री और उनके कई मंत्रियों की मौत से जोड़कर देखा जा रहा है।
किस एजेंसियों पर हुआ हमला?
हूती सुरक्षा बलों ने एक के बाद एक तीन यूएन एजेंसियों को निशाना बनाया:
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विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP)
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
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यूनिसेफ (UNICEF)
WFP की प्रवक्ता अबीर एतेफा के मुताबिक, विद्रोहियों ने रविवार सुबह यूएन एजेंसियों के दफ्तरों में घुसकर कर्मचारियों को जबरन बाहर बुलाया और पार्किंग में पूछताछ की। कुछ को वहीं से हिरासत में ले लिया गया।
यूनिसेफ के प्रवक्ता अम्मार अम्मार ने पुष्टि की कि उनके कई कर्मचारी भी गिरफ्तार हुए हैं, और उनकी एजेंसी अब सना और अन्य हूती-नियंत्रित इलाकों में अपने स्टाफ की गिनती (headcount) कर रही है।
यूएन महासचिव और विशेष दूत की तीखी प्रतिक्रिया
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस घटना को "गंभीर उल्लंघन" बताया और कहा: "संयुक्त राष्ट्र के स्टाफ की सुरक्षा, गरिमा और मानवीय कामकाज की स्वतंत्रता को ऐसे कदमों से नुकसान होता है। हिरासत में लिए गए सभी कर्मियों को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।
यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत, हांस ग्रुंडबर्ग ने इसे "मनमानी और संगठित कार्रवाई" बताया और कहा कि इस प्रकार की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हैं।
पिछले मामलों से जुड़ी चिंताएं
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हूती विद्रोही पहले भी 2021 और 2023 में 23 यूएन स्टाफ को गिरफ्तार कर चुके हैं, जिनमें से कई अब तक रिहा नहीं हुए हैं।
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जनवरी 2025 में विद्रोहियों ने 8 यूएन स्टाफ को सादा प्रांत से हिरासत में लिया, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र को वहां का ऑपरेशन बंद करना पड़ा।
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हूतियों ने पहले सना स्थित अब बंद हो चुके अमेरिकी दूतावास के स्थानीय कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया था।
गिरफ्तारी क्यों की गई? संभावित कारण
हूती विद्रोही दावा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कुछ कर्मचारी “अमेरिकी-इजरायली जासूसी नेटवर्क” से जुड़े हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इन आरोपों को "झूठा और आधारहीन" बताया है।
इन गिरफ्तारियों को इजरायल के उस हालिया हमले से भी जोड़ा जा रहा है, जिसमें हूती प्रधानमंत्री अहमद घालिब नासिर अल-रहावी और अन्य मंत्री मारे गए थे। इस हमले के बाद हूतियों ने इजरायल के खिलाफ और आक्रामक कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
यमन की मानवीय स्थिति और बढ़ती चुनौतियां
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यमन में दशकों से जारी गृहयुद्ध ने देश को मानवीय संकट की चरम सीमा तक पहुंचा दिया है।
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यूएन के आंकड़ों के अनुसार, यमन की 60% से ज्यादा आबादी सहायता पर निर्भर है।
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लगातार यूएन एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों पर हूती हमले, भूख, कुपोषण और चिकित्सा सुविधाओं की कमी जैसे संकट को और गहरा कर रहे हैं।