हांगकांग में शख्स को दोबारा हुआ कोरोना, WHO ने कहा- जल्दबाजी में न तय करें नतीजे

punjabkesari.in Tuesday, Aug 25, 2020 - 11:28 AM (IST)

हांगकांग:  कोरोना वायरस से मुक्त हुए देशों में महामारी के दोबार दस्तक देने से वैज्ञानिकों की टेंश बढ़ गई है। चीन के बाद अब हांगकांग के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि उनके पास कोरोना से दोबारा संक्रमित व्यक्ति का एक प्रमाणित मामला सामनेआया है। हांगकांग के इस दावे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एक मरीज़ के मामले से किसी परिणाम पर नहीं पहुंचना चाहिए। इससे पहले चीन ने भी एक महिला और एक पुरुष के छह महीने के भीतर दूसरी बार संक्रमित हो जाने का दावा किया था।

 

हांगकांग के मुताबिक, 30 साल से अधिक आयु का यह व्यक्ति पहली बार साढ़े चार महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ था। हांगकांग वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस के जीनोम में दो चीज़ें 'बिलकुल अलग' हैं, यह दोबारा संक्रमण होने का दुनिया का पहला मामला है। वैज्ञानिकों ने WHO की सलाह पर कहा है कि संगठन को हमारे पास मौजूद सबूतों को ध्यान में रखकर कोई बयान देना चाहिए। वहीं, अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि दोबारा संक्रमण होना बेहद दुर्लभ है और यह अधिक गंभीर हो ऐसा भी नहीं है।

 

हांगकांग विश्वविद्यालय की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण से ठीक होने से पहले यह व्यक्ति 14 दिनों तक अस्पताल में रहा था, लेकिन एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान वो दोबारा कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया है हालांकि, उसमें इसके कोई लक्षण नहीं थे। इस मामले में लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन और ट्रोपिकल साइंस के प्रोफ़ेसर ब्रेंडन रेन कहते हैं कि यह दोबारा संक्रमण का बेहद दुर्लभ मामला है ।

 

इसकी वजह से कोरोना वैक्सीन बेहद ज़रूरी हो जाती है और आशंका है कि वायरस समय के साथ ख़ुद को बदलेगा। जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं उनके शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम विकसित हो जाता है, जो वायरस को दोबारा लौटने से रोकता है। सबसे मज़बूत इम्यून उन लोगों का पाया जाता है जो गंभीर रूप से कोरोना से बीमार हुए हों। हालांकि, यह अभी भी साफ़ नहीं है कि यह सुरक्षा कितनी लंबी है और इम्युनिटी कब तक रह सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News