पाकिस्तानः चुनाव पर ‘लटकी’ अदालत की तलवार, आयोग ने आपात बैठक बुलाई

punjabkesari.in Sunday, Jun 03, 2018 - 03:39 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में अगले महीने होने वाले आम चुनाव के लिए मतदान पर अदालत की तलवार ‘लटक’ गई है। लाहौर हाई कोर्ट ने चुनावी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र में खामियां गिनाते हुए पाकिस्तान चुनाव आयोग से उनमें सुधार करने को कहा है। जबकि बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने क्वेटा के परिसीमन की याचिका को खारिज कर दिया है। इसको देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सरदार मुहम्मद रजा ने शनिवार को आयोग की आपात बैठक बुलाई, जिसमें आगे के कदम तय करने को लेकर चर्चा होगी।

नामांकन पत्रों में सुधार का दिए आदेश 
‘डॉन’ अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले, लाहौर हाई कोर्ट ने चुनाव अधिनियम 2017 के जरिए संसद द्वारा अनुमोदित नए नामांकन पत्रों को अलग कर दिया था। कोर्ट ने नए नामांकन पत्रों में सुधार का आदेश दिया था। जबकि बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने क्वेटा के परिसीमन को खारिज कर दिया था और पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईपीसी) को फिर से प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा।

आपात बैठक में किया जाएगा विचार-विमर्श 
ईपीसी के एक अधिकारी ने कहा कि आपात बैठक में दोनों हाई कोर्ट के फैसलों को लागू करने को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के बीच इन फैसलों से उन कार्यक्रमों को लागू करने में मुश्किल खड़ी हो सकती है। बैठक में चर्चा की जाएगी कि घोषित चुनाव कार्यक्रमों पर इन फैसलों का क्या असर होगा और चुनाव के सिलसिले में आगे कैसे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है कि वे नामांकन पत्र प्राप्त नहीं करें। अधिकारी के अनुसार, लाहौर हाई कोर्ट ने नए नामांकन पत्रों में उम्मीदवारों के ब्योरों को अपर्याप्त बताया है।

पिछले साल भी हुआ था विवाद
पिछले साल मई में, चुनावी उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र में संशोधन करने के एक प्रस्ताव ने ईसीपी और संसद के बीच विवाद खड़ा कर दिया था। चुनाव सुधारों पर संसदीय पैनल की उप-समिति ने सीनेट और राष्ट्रीय व प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवारों के लिए ऐसे ही नामांकन पत्रों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसका ईसीपी ने विरोध किया था।

  


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Isha

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