दाल में काला ! असीम मुनीर के प्लान पर खुश हुआ अमेरिका, विदेश मंत्री रुबियो बोले-''पाकिस्तान के शुक्रगुजार हैं''

punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 07:31 PM (IST)

Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा के लिए पेश की गई 20 सूत्री शांति योजना को लेकर पाकिस्तान की संभावित भूमिका पर अमेरिका ने खुलकर समर्थन जताया है।  इस योजना के तहत युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilization Force – ISF) की तैनाती का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम बहुल देशों से सैनिक भेजे जाने की बात कही गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका पाकिस्तान का आभारी है कि उसने इस अंतरराष्ट्रीय बल का हिस्सा बनने पर विचार करने की इच्छा जताई है। रुबियो के अनुसार, “हम उन सभी देशों की सराहना करते हैं जो गाजा में स्थिरता बहाल करने के लिए ज़मीन पर मौजूद रहने को तैयार हैं या इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।”हालांकि अमेरिका के इस प्लान पर आशंका जताई जा रही है कि जरूर कुछ दाल में काला है जो अमेरिका पाकिस्तान की इतनी तारीफ कर रहा है। 

 

पाकिस्तान का रुख 
पाकिस्तान ने अभी तक गाजा में सैनिक भेजने का अंतिम फैसला नहीं किया है। इस्लामाबाद का कहना है कि वह इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि ISF में पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है। मार्को रुबियो ने बताया कि पाकिस्तान समेत अन्य संभावित देशों के साथ बातचीत शुरुआती चरण में है। कई अहम सवालों पर सहमति बनना अभी बाकी है। 

  • अंतरराष्ट्रीय बल का मैंडेट क्या होगा?
  • फंडिंग की व्यवस्था कैसे की जाएगी?
  • सैनिकों की तैनाती और सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके हाथ में होगी?
  • रुबियो ने कहा, “पाकिस्तान जैसे देशों के लिए सहमति जताने से पहले इन सवालों के स्पष्ट जवाब जरूरी हैं।”

 

असीम मुनीर–ट्रंप मुलाकात पर सस्पेंस
इस बीच, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर वॉशिंगटन जाकर राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं और गाजा स्टेबिलाइजेशन फोर्स इस चर्चा का अहम मुद्दा होगा। हालांकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया। वहीं, व्हाइट हाउस ने भी साफ किया कि फिलहाल ट्रंप और असीम मुनीर के बीच किसी बैठक का कार्यक्रम राष्ट्रपति के कैलेंडर में नहीं है। गाजा के लिए अंतरराष्ट्रीय सैन्य बल का प्रस्ताव पश्चिम एशिया की राजनीति में एक नया मोड़ माना जा रहा है। पाकिस्तान की भागीदारी न केवल क्षेत्रीय संतुलन बल्कि मुस्लिम देशों की सामूहिक भूमिका को भी प्रभावित कर सकती है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि इस्लामाबाद कब और क्या अंतिम फैसला लेता है।
 


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Content Writer

Tanuja

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