रेडलाइट एरिया में चल रहा बड़ा कारोबार... मोटी कमाई और बेहतर जिंदगी के लिए खुद खिंची आ रही हैं महिलाएं, पुलिस भी है हैरान
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 09:42 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: जर्मनी के रेडलाइट जिलों में एक नया और अनोखा रुझान सामने आया है, जहां चीन की कई महिलाएं अपनी मर्जी से आकर यहां काम कर रही हैं और अच्छा खासा पैसा कमा रही हैं। ये महिलाएं न तो जबरन लाई जा रही हैं और न ही किसी तस्करी का शिकार हैं, बल्कि मोटी कमाई और बेहतर जिंदगी के लिए खुद ही इस रास्ते को चुन रही हैं। पुलिस के अनुसार, यह मामला उनके लिए जटिल बन गया है क्योंकि ये महिलाएं फर्जी दस्तावेजों के जरिए यूरोपीय संघ के विभिन्न देशों में घूम फिर कर काम करती हैं, जिससे उनकी पकड़ मुश्किल हो जाती है।
कैसे आ रही हैं महिलाएं?
इन महिलाओं में से कई फर्जी रेजिडेंस परमिट लेकर आ रही हैं, जो किसी अन्य यूरोपीय देश के नाम पर बनाए गए होते हैं। इससे वे बिना किसी रोक-टोक के जर्मनी के अंदर काम कर पाती हैं। जिनके पास ऐसे दस्तावेज नहीं होते, वे बाल्कन मार्ग से वैन के अंदर छिपकर या स्थानीय गैंग की मदद से यहां पहुंचती हैं। जर्मन पुलिस के मुताबिक, ये महिलाएं मुख्य रूप से ‘अपॉइंटमेंट अपार्टमेंट्स’ में काम करती हैं – यानी छोटे-छोटे फ्लैट्स जो सामान्य दिखते हैं लेकिन अंदर मिनी-ब्रोथल होते हैं। यहां दो-तीन महिलाएं मिलकर काम करती हैं और मकान मालिक ऑनलाइन विज्ञापन देकर आधी कमाई ले लेता है।
क्या वजह है इस ट्रेंड के पीछे?
जर्मनी की आर्थिक समृद्धि और यहां के अमीर ग्राहक इस व्यवसाय को आकर्षक बना रहे हैं। चीन की महिलाएं इस काम को इसलिए चुनती हैं क्योंकि वे घर लौटने पर होटल या हेल्थकेयर सेक्टर में नौकरी का झूठ बोल सकती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां चीनी महिलाओं की डिमांड खासतौर पर बुजुर्ग जर्मन पुरुषों में ज्यादा है। वहीं, कुछ लाइसेंसधारी ब्रोथल ऑपरेटर्स शिकायत करते हैं कि पुलिस छापों के बाद भी ये अपार्टमेंट्स फिर से खुल जाते हैं। पकड़े जाने पर वीजा रद्द हो सकता है, कमाई जब्त हो सकती है और फिर से देश में प्रवेश पर रोक भी लग सकती है, लेकिन तब तक महिलाएं अच्छी कमाई कर चुकी होती हैं।
पुलिस और कानून की चुनौती
यह मामला पुलिस के लिए काफी पेचीदा है क्योंकि इसमें न तो स्पष्ट मानव तस्करी का मामला है और न ही पूरी तरह से कानूनी व्यवसाय। ज्यादातर महिलाएं स्वतंत्र रूप से काम करती हैं, अपनी कमाई रखती हैं और जानबूझकर यहां आती हैं। जर्मनी में वेश्यावृत्ति को कानूनन अनुमति है, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
कैसे होती है संपर्क की व्यवस्था?
ब्रॉथल ऑपरेटर्स एसोसिएशन (BSD) की प्रवक्ता स्टेफनी क्ले के अनुसार, मंदारिन बोलने वाली चीनी और हांगकांग की महिलाएं ऑनलाइन सेक्स ट्रेड वेबसाइटों पर अपने विज्ञापन देती हैं। कई बार इनके संपर्क एयरपोर्ट पिकअप, रहने और काम की व्यवस्थाएं भी करते हैं। यह महिलाओं के लिए विदेश में बेहतर कमाई का अवसर है।
किस घटना ने खींचा ध्यान?
जर्मनी में चीनी महिलाओं की बढ़ती भागीदारी तब ज्यादा चर्चा में आई जब पिछले साल कोलोन के पास्चा ब्रॉथल पर छापा पड़ा। यह यूरोप का सबसे बड़ा ब्रॉथल है जिसे 2021 में एक चीनी निवेशक ने खरीदा था। इस छापेमारी ने इस ट्रेंड पर नई रोशनी डाली।