कनाडा में 28 अप्रैल को होंगे आम चुनाव, नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का ऐलान
punjabkesari.in Monday, Mar 24, 2025 - 06:09 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा में आखिरकार मध्यावधि चुनावों का ऐलान हो गया है, और प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी ने सत्ता संभालने के बाद चुनावी बिगुल बजा दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब कार्नी ने आगामी 28 अप्रैल को समयपूर्व चुनाव कराने की घोषणा की है। उनका यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से कनाडाई अर्थव्यवस्था को उत्पन्न होने वाले खतरे से निपटने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मार्क कार्नी का निर्णय:
कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापारिक कार्रवाइयों और कनाडा की संप्रभुता को लेकर उनके लगातार दिए जा रहे धमकियों के कारण देश को एक मजबूत जनादेश की आवश्यकता है। रॉयटर्स के अनुसार, कार्नी ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप की अनुचित व्यापारिक नीतियों और हमारी संप्रभुता के खिलाफ उनकी धमकियों के कारण हम अपने जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं।"
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद का घटनाक्रम:
कनाडा में आम चुनाव 20 अक्टूबर तक होने थे, लेकिन कार्नी ने अपने ऊपर मिले समर्थन का लाभ उठाने का फैसला किया। इस समर्थन के चलते उन्हें लिबरल पार्टी का नेता और फिर प्रधानमंत्री बनाया गया। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब ट्रंप ने कनाडा को टैरिफ की धमकियां देना शुरू किया और जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया।
मध्यावधि चुनावों पर प्रतिक्रिया:
मध्यावधि चुनावों को लेकर अब तक चल रहे अटकलों का दौर इस ऐलान के साथ समाप्त हो गया है। अब माना जा रहा है कि नई सरकार न केवल अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी, बल्कि अन्य देशों के साथ कनाडा के रिश्तों की भी समीक्षा कर सकती है। इस चुनाव का उद्देश्य कनाडा को एक मजबूत और स्थिर नेतृत्व प्रदान करना है, ताकि वह वैश्विक स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर सके।
मार्क कार्नी खुद भी चुनावी मैदान में:
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी खुद भी पहली बार संसद सदस्य बनने के लिए ओटावा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। लिबरल पार्टी ने इस बारे में शनिवार को खुलकर संकेत दिए थे। यह चुनाव विशेष रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उत्पन्न किए गए संप्रभुता के खतरे और व्यापार युद्ध की आशंका के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कनाडा-यूएस व्यापारिक तनाव:
कार्नी का मानना है कि कनाडा को ट्रंप की ओर से व्यापारिक युद्ध और टैरिफ के खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत जनादेश की आवश्यकता है, ताकि कनाडा अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर सके। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कनाडा को कई बार टैरिफ के रूप में अमेरिकी व्यापारिक दबाव का सामना करना पड़ा है, और अब कार्नी सरकार को इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
आर्थिक और कूटनीतिक लक्ष्य:
नए प्रधानमंत्री के रूप में, कार्नी का मुख्य उद्देश्य कनाडा की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और वैश्विक स्तर पर अपने देश की स्थिति को मजबूत करना है। इसके लिए वह अपनी सरकार की प्राथमिकताओं में अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव कम करने के साथ-साथ अन्य प्रमुख देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को सुधारने पर भी ध्यान देंगे।
यह मध्यावधि चुनाव, ट्रंप द्वारा उत्पन्न व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि में, कनाडा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं।