इजरायली जेलों में इंसानियत शर्मसार: फिलिस्तीनी बंदियों ने सुनाई रोंगटे खड़े कर देने वाली दास्तां (Video)
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 01:26 PM (IST)

International Desk: गाजा पट्टी से गिरफ्तार किए गए और संघर्षविराम के तहत हाल ही में रिहा हुए फिलिस्तीनी बंदियों ने इजरायली सेना पर हैवानियत के गंभीर आरोप लगाए हैं। रिहा हुए कई फिलिस्तीनियों ने बताया कि हिरासत में उनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया गया। किसी को भूखा-प्यासा रखकर कुत्तों से कटवाया गया, किसी को कपड़े उतारकर बिजली के झटके दिए गए, तो किसी के साथ यौन हिंसा की गई। रिहाई के बाद इन कैदियों की आंखों में भले ही आजादी की चमक हो, लेकिन शरीर और मन पर जुल्मों के गहरे घाव साफ नजर आते हैं। अधिकतर लोग वे हैं जिन्हें 7 अक्टूबर के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इजरायल के पास उनके खिलाफ न कोई पुख्ता सबूत था और न ही कोई आरोप तय किया गया था।
“They beat us and let the dogs attack us. We spent 214 days under torture, under humiliation...”
— AJ+ (@ajplus) May 13, 2024
This released Palestinian prisoner from Gaza recounts torture under Israeli captivity. pic.twitter.com/70aq2WmXZp
36 वर्षीय मिस्त्री मोहम्मद अबू ताविलेह ने बीबीसी को बताया कि उन्हें तीन दिनों तक एक कमरे में बंद कर रासायनिक पदार्थों से जलाया गया। उन्होंने बताया, “सैनिकों ने पहले मेरे सिर को केमिकल में डुबोया, फिर शरीर पर एयर फ्रेशनर छिड़ककर आग लगा दी। मैं जानवर की तरह तड़प रहा था।” इसके बाद सैनिकों ने उन्हें बंदूक की बट और डंडों से बुरी तरह पीटा। शरीर पर तेजाब भी डाला गया। इलाज के लिए उन्हें इजरायली सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बिना कपड़ों के हथकड़ी से बांधकर रखा गया और शौच के लिए डायपर दिया गया। 44 वर्षीय हमद अल-दहदोह ने बताया कि हिरासत में उन्हें इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उनकी पसलियां टूट गईं और रीढ़ की हड्डी व कान को नुकसान पहुंचा। कुछ बंदियों ने बताया कि उन्होंने हिरासत में यौन हिंसा होते देखी, जबकि कुछ ने दावा किया कि उन्होंने अन्य बंदियों को मरते भी देखा।
इजरायली सेना की प्रतिक्रिया
इन गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि वह किसी भी तरह के “व्यवस्थित दुरुपयोग” से इनकार करती है। सेना ने कहा कि कुछ मामलों में जांच की जाएगी, लेकिन अधिकांश आरोपों में पीड़ितों की पहचान और पर्याप्त विवरण उपलब्ध नहीं हैं। इजरायली जेल प्रशासन ने भी इन आरोपों की जानकारी से इनकार किया है। गौरतलब है कि ये आरोप ऐसे समय सामने आए हैं जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद, वेस्ट बैंक और गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई काफी तेज हो गई थी। इस दौरान अब तक 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोगों को बिना आरोप महीनों तक हिरासत में रखा गया है।