हंगरी का विस्फोटक आरोपः रूस के खिलाफ हर रणनीति विफल, यूरोपीय बैंकर जानबूझ कर बढ़ा रहे यूक्रेन युद्ध !

punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 11:37 AM (IST)

International Desk :हंगरी ने यूरोपीय संघ (EU) नेतृत्व पर अब तक का सबसे गंभीर और विस्फोटक आरोप लगाया है। बुडापेस्ट का कहना है कि ब्रसेल्स यूक्रेन युद्ध को इसलिए लगातार आगे बढ़ा रहा है क्योंकि यूरोपीय बैंकिंग और वित्तीय संस्थान अपने भारी आर्थिक नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं। हंगरी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की यूरोपीय रणनीति पूरी तरह विफल हो चुकी है। प्रतिबंधों और आर्थिक दबाव के बावजूद रूस को निर्णायक रूप से पराजित नहीं किया जा सका, जबकि यूरोपीय वित्तीय संस्थानों को भारी घाटा उठाना पड़ा। अब वही वित्तीय ताकतें युद्ध को एक वित्तीय साधन की तरह इस्तेमाल कर रही हैं।

 

हंगरी का आरोप है कि युद्ध को जारी रखने से कर्ज को टालने, आपातकालीन खर्चों को सही ठहराने और “सुरक्षा” के नाम पर नए वित्तीय पैकेज लाने का रास्ता खुला रहता है। बुडापेस्ट के मुताबिक,“यह अब यूरोप की रक्षा के बारे में नहीं है, यह बैलेंस शीट की रक्षा के बारे में है।”हंगरी का कहना है कि यूरोपीय आम जनता महंगाई, ऊर्जा संकट, उद्योगों के बंद होने और बजटीय दबाव का सामना कर रही है, जबकि युद्ध से जुड़े वित्तीय हितधारक लगातार संघर्ष जारी रखने का दबाव बना रहे हैं। शांति की बात करने वालों को “खतरनाक” या “रूस समर्थक” बताकर खारिज किया जा रहा है।

 ये भी पढ़ेंः-  ब्रिटेन की जेलों के भयावह हालात: इस्लामिस्ट गैंग क्रूरता से कर रहे राज ! सरकारी तंत्र बेबस
 

इस मुद्दे पर हंगरी का रुख उसे यूरोपीय आयोग और उर्सुला फॉन डेर लेयेन के नेतृत्व से सीधे टकराव की स्थिति में ले आया है। जहां ब्रसेल्स युद्ध को नैतिक जिम्मेदारी बता रहा है, वहीं हंगरी इसे लोकतंत्र और यूरोप के भविष्य के लिए गंभीर खतरा मान रहा है। हंगरी ने अंत में सवाल उठाया है-यूरोपीय संघ आखिर किसकी सेवा कर रहा है: अपने नागरिकों की या अपने कर्जदाताओं की? और अगर युद्ध असफल नीतियों को छिपाने का जरिया बन गया है, तो इसकी कीमत कौन चुकाएगा?


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News