दक्षिण कोरिया में सुबह-सुबह हाईवोल्टेज ड्रामा, President येओल की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप
punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 08:34 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क। दक्षिण कोरिया में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति यून सुक येओल को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 3 दिसंबर को मार्शल लॉ के एलान और उससे जुड़े मामलों को लेकर की गई है। इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है।
पुलिस और समर्थकों के बीच भिड़ंत
यून सुक येओल की गिरफ्तारी से पहले उनके आवास के पास भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। सुबह-सुबह 3,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और भ्रष्टाचार विरोधी जांचकर्ता उनके घर पहुंचे। इस दौरान यून के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। कई लोग हिरासत में लिए गए लेकिन इस हाईवोल्टेज ड्रामा के बीच राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर लिया गया।
वकीलों ने की गिरफ्तारी का विरोध
यून के वकीलों ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया और इसे एक साजिश करार दिया। उनका कहना है कि यह पूरा मामला राष्ट्रपति को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए रचा गया है। जांचकर्ताओं ने राष्ट्रपति के खिलाफ जो वारंट जारी किया है वह दक्षिण कोरिया के किसी मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ पहली बार हुआ है।
South Korean CIO investigators and police officers removed barbed wire barriers, the first line of the barricade, and used ladders to bypass the second cordon of vehicle blockades, finally gaining entry to the presidential residence. pic.twitter.com/5ksHV9k2UQ
— Shanghai Daily (@shanghaidaily) January 15, 2025
मार्शल लॉ का एलान और महाभियोग
3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अचानक मार्शल लॉ का एलान कर दिया था जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई। दक्षिण कोरिया जो एशिया का एक मजबूत लोकतांत्रिक देश माना जाता है इस एलान के बाद राजनीतिक संकट में फंस गया।
14 दिसंबर को देश के सांसदों ने राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने और उन्हें पद से हटाने के लिए मतदान किया। अब यह मामला संवैधानिक न्यायालय में है जहां यह फैसला किया जाएगा कि महाभियोग को बरकरार रखा जाए या नहीं।
देश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर
यून की गिरफ्तारी के बाद देश में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। समर्थकों का कहना है कि यह लोकतंत्र पर हमला है जबकि विरोधियों का मानना है कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई है। संवैधानिक न्यायालय का फैसला अब यह तय करेगा कि यून सुक येओल को हमेशा के लिए पद से हटाया जाएगा या नहीं।
बता दें कि यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है क्योंकि इससे देश की राजनीति और लोकतंत्र की दिशा पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।