चीन ने भेजा पहला सिविलियन अंतरिक्ष में

punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 01:37 PM (IST)

चीन ने अपने तिआनगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर तीन और लोगों को भेजा है, जिनमें पहली बार एक सिविलियन को भी शामिल किया गया है. बीहांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ग्वी हाइचाओ अंतरिक्ष में जाने वाले पहली चीनी नागरिक बन गए हैं.'शेनजाउ-16' नाम के इस मिशन को 'लॉन्ग मार्च' 2एफ रॉकेट पर उत्तरपश्चिमी चीन में स्थित जुकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से मंगलवार 30 मई को सुबह 9:31 मिनट पर छोड़ा गया. लॉन्च सेंटर के निदेशक जाऊ लीपेंग ने बताया कि लॉन्च "पूरी तरह से सफल" रहा और "अंतरिक्ष यात्री अच्छे हाल में" हैं. चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के दर्जनों कर्मचारी लॉन्च के दौरान मौजूद रहे. साल भर वहीं रहने वाले कई कर्मचारियों में से कुछ ने रॉकेट के आगे सेल्फियां भी लीं. लोगों ने अपने बच्चों को भी लॉन्च दिखाया, जिनमें से कुछ ने अपने माता-पिता के कंधों पर बैठ कर चीनी झंडे लहराए. मिशन के दल के कमांडर हैं जिंग हाइपिंग, जो अपने चौथे मिशन पर हैं. उनके अलावा दल में इंजीनियर जू यांग्जू और बेईहांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ग्वी हाइचाओ शामिल हैं. तीन अंतरिक्ष यात्री वापस भी आएंगे ग्वी मिशन में पेलोड विशेषज्ञ की भूमिका में रहेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन में वैज्ञानिक प्रयोगों का काम देखेंगे. चीन इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने वाला तीसरा देश है और तिआनगोंग उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम का कोहिनूर है. इस कार्यक्रम के तहत चीन मंगल ग्रह और चांद पर रोबोटिक रोवर भी उतार चुका है. अधिकारियों ने बताया कि तिआनगोंग के "एप्लीकेशन और डेवलपमेंट" चरण में पहुंचने के बाद 'शेनजाउ-16' वहां भेजा जाने वाला पहला मिशन है. स्टेशन पहुंचने के बाद यान के सदस्य शेनजाउ-15 के अपने उन तीन सहकर्मियों से मिलेंगे जो वहां पिछले छह महीनों से हैं और आने वाले कुछ ही दिनों में धरती पर वापस आ जाएंगे. अंतरिक्ष एजेंसी के प्रवक्ता लिन शिकियांग ने पत्रकारों को बताया कि शेनजाउ-16 इस मिशन के दौरान कई प्रयोग करेगा, जिनमें "हाई-प्रिसिशन स्पेस टाइम-फ्रीक्वेंसी सिस्टम्स", "जनरल रिलेटिविटी" और जीवन की शुरुआत पर शोध शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से चीन बाहर लिन ने कहा, "संपूर्ण लक्ष्य 2030 तक चांद पर एक दल उतारने का है ताकि चांद पर वैज्ञानिक खोज और तकनीकी प्रयोग किए जा सकें." उम्मीद की जा रही है कि तिआनगोंग कम से कम 10 सालों तक धरती से 400 से 450 किलोमीटर के बीच कक्षा में रहेगा. चीन ने अमेरिका और रूस की बराबरी करने के लिए अपनी सेना द्वारा चलाए जाने वाले अंतरिक्ष कार्यक्रममें अरबों डॉलर का निवेश किया है. राष्ट्रपति शी चिनपिंग के प्रशासन के तहत चीन के इस सपने को पूरा करने की योजनाओं को तेज रफ्तार दी गई है. चीन अब चांद पर एक अड्डा बनाने की भी योजना बना रहा है. 2011 में अमरीकी सरकार ने नासा के लिए चीन से संबंध रखना प्रतिबंधित कर दिया था. तब से चीन को प्रभावशाली रूप से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर ही कर दिया गया है. इस वजह से चीन के अपना ही स्टेशन बनाने की योजना को और मजबूती मिली. सीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)

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