बहुभाषिकता क्या बच्चों के जीवन को निखार सकती है

punjabkesari.in Friday, Feb 10, 2023 - 03:21 PM (IST)

आज अधिकांश बच्चे बहुभाषी वातावरण में बड़े हो रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दो या दो से अधिक भाषाएं बोलने से बच्चों का बौद्धिक विकास होता है लेकिन बहुभाषी शिक्षा के लिए कोई सटीक रणनीति नहीं है.ढाई साल का एनरिक लिविंग रूम के फर्श पर बैठा है और रंगीन त्रिकोणों, वृत्तों और चौकोर आकृतियों से भरी एक तस्वीर वाली किताब की ओर एकटक देख रहा है. उसकी फ्रांसीसी मां क्लो बूराट फ्रेंच भाषा में पूछती है, "लाल त्रिकोण कहाँ है?” एनरिक मुस्कराते हुए लाल त्रिकोण पर उंगली रख देता है. एनरिक के स्पेनिश पिता जुआन कोएर्स स्पेनिश भाषा में पूछते हैं, "पीला सर्कल कहां है?” एनरिक जोर से जवाब देता है. एनरिक स्पेन में अपने माता-पिता और आठ महीने की अपनी छोटी बहन एलिस के साथ मैड्रिड में रहता है. एनरिक और एलिस दुनिया भर के उन तमाम बच्चों की तरह हैं जो दो या दो से ज्यादा भाषाओं के साथ बड़े हो रहे हैं. उनके माता-पिता आम तौर पर स्पेनिश बोलते हैं लेकिन बूराट अपने दोनों बच्चों से हमेशा फ्रेंच में बात करती हैं जबकि कोएर्स उन दोनों से स्पेनिश में बात करते हैं. विशेषज्ञ इस दृष्टिकोण को ‘एक व्यक्ति, एक भाषा' कहते हैं. यह बहुभाषी शिक्षा में स्थापित कई तरीकों में से एक है. फ्रैंकफर्ट की रहने वाली येलिज गोमेज ने अपने परिवार के साथ एक अलग ही तरीका चुना है. वह और उनके पति दोनों तुर्की में पैदा हुए थे और घर पर वे अपनी बेटियों के साथ तुर्की भाषा ही बोलते हैं. उनकी एक बेटी मेलिसा सात वर्ष की है और दूसरी बेटी मिला चार वर्ष की है. बेटियों की मां कहती हैं, "घर से दूर, यानी डे केयर में, स्कूल में और अपने खाली समय में ये बच्चे जर्मन बोलते हैं” विशेषज्ञ इस तरीके को ‘घर से दूर बनाम घर पर' कहते हैं. बहुभाषिकता के लिए कोई संपूर्ण रणनीति नहीं एक गतिविधि आधारित पद्धति भी है जिसमें परिवार के सदस्य भोजन के समय अरबी बोल सकते हैं लेकिन खेलते समय अंग्रेजी. और एक समय-आधारित पद्धति भी है जब बच्चे सुबह कपड़े पहनते और नाश्ता करते समय चीनी भाषा बोल सकते हैं लेकिन शाम को जर्मन बोल सकते हैं. कई मां-बाप समझ नहीं पाते कि आखिर कौन सी विधि सबसे अच्छी है. लेकिन शोध से पता चलता है कि बहुभाषी शिक्षा किसी सही रणनीति पर निर्भर नहीं करती है. ब्रेमेन में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज के प्रोफेसर विबके शार्फ रेथफेल्ट कहती हैं, "यह किसी बच्चे को भाषा के साथ जितनी बार और जितना संभव हो उतने अलग-अलग तरीकों से प्रेरित करने के बारे में है.” वो कहती हैं कि माता-पिता को बच्चों से ज्यादा से ज्यादा अलग-अलग विषयों पर बात करनी चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि उन्हें इस बारे में सख्त नियमों का पालन करना होगा कि किस भाषा का उपयोग करना है बल्कि इसके बजाय उन्हें वह भाषा चुननी चाहिए जिसके साथ वे सबसे अधिक सहज महसूस करते हों. वो कहती हैं, "वह उनकी अपनी मूल भाषा हो सकती है, लेकिन ऐसा ही होना जरूरी नहीं है.” कोएर्स कहते हैं, "फ्रेंच और स्पैनिश केवल ऐसी भाषाएं हैं जो हमें सबसे स्वाभाविक लगती हैं और जिसमें हम बच्चों से काफी आसानी से बात करते हैं.” कोएर्स कहते हैं. गोकमेज कहते हैं, "तुर्की वह भाषा है जिसमें हम अपनी भावनाओं को सबसे अच्छी तरह व्यक्त कर सकते हैं.” भाषाओं का मिश्रण और उन्हें मिलाना ठीक है शार्फ रेथफेल्ट के मुताबिक, भावनाओं को व्यक्त करना और आराम और अंतरंगता प्रदान करना महत्वपूर्ण कारक हैं. वो कहती हैं, "इसका मतलब एक भाषा शिक्षक होना नहीं है बल्कि माता-पिता एक बच्चे के साथ कैसे भावनात्मक संबंध बनाते हैं.” वो यह भी बताती हैं मां-बाप को उस भाषा से चिपके रहने की ज़रूरत नहीं है जिसके साथ वे हर समय सबसे सहज महसूस करते हैं. वो कहती हैं, "हमेशा भाषाओं को अलग करना एकलभाषी और एकलसंस्कृति वाली मानसिकता को दर्शाता है. यह हमारे मौजूदा विश्व से मेल नहीं खाता है.” शार्फ रेथफेल्ट का सुझाव है कि परिवार लचीले हों और जरूरत और समझ के हिसाब से भाषाओं को बदलते रहें. इस प्रकार माता-पिता पर से दबाव कम होता है और बच्चों के लिए सीखने का मजा बरकरार रहता है. बूराट और कोएर्स ये दोनों ही लोग दो भाषाएं लगभग पूरी तरह से बोल लेते हैं और अपने ‘एक व्यक्ति, एक भाषा' नियम को जरूरत के हिसाब से बदल लेते हैं. कोएर्स कहते हैं, "उदाहरण के लिए, जब क्लो की मां फ्रांस से आती हैं तो मैं भी फ्रेंच बोलता हूं.” बात को पूरा करते हुए बूराट कहती हैं, "और जब हम मैड्रिड में दोस्तों से मिलते हैं, तो मैं कभी-कभी एनरिक के साथ स्पेनिश बोलता हूं ताकि हर कोई हमारी बातचीत को समझ सके और वो भी उस बातचीत में शामिल हो सके.” गलतियों की अनुमति है शार्फ राथफेल्ट बताती हैं, "लेकिन गलतियां भी नाटकीय नहीं हैं. बच्चे भाषा सीखने में बहुत तेज होते हैं. वे व्याकरण के सही नियम सीखते हैं, भले ही वे समय-समय पर गलत वाक्य सुनते हों.” गोकमेज परिवार का भी यही दृष्टिकोण है. येलिज गोकमेज के साथ डीडब्ल्यू ने फोन पर बातचीत की और इस दौरान उनकी एक बेटी ने तुर्की में एक सवाल पूछा. उसकी माँ ने उसे जर्मन में उत्तर दिया क्योंकि वह उसी भाषा में डीडब्ल्यू को इंटरव्यू दे रही थीं. गोकमेज कहते हैं, "घर पर, हम अपने बच्चों को समय-समय पर अलग-अलग भाषाई इलाकों में ले जाते हैं. उदाहरण के लिए हम अपनी बेटियों की जर्मन भाषा में एक किताब पढ़ते हैं, या जर्मन बच्चों के गाने सुनते हैं, भले ही हम बाकी दिन तुर्की बोलते हों.” वो कहती हैं कि तुर्की भाषा में बातचीत के दौरान भी कभी-कभी कोई जर्मन शब्द आ जाता है, "रोजमर्रा की जिंदगी में आप किसी भाषा से पूरी तरह सौ फीसद अलग नहीं हो सकते.” विशेषज्ञ अब इस बात से सहमत हैं कि भाषाओं को मिलाने की पूरी तरह से अनुमति है क्योंकि बच्चे जानते हैं कि कौन सा शब्द किस भाषा का है. जब वे गर्भ में होते हैं तब वे अपनी ध्वनियों के अनुसार भाषाओं में अंतर करना सीखते हैं. शार्फ रेथफेल्ट कहती हैं, "यही द्विभाषावाद है. भाषाओं का मिश्रण इसका हिस्सा है और यह बिल्कुल भी बुरा नहीं है. इस तरह हम एक बच्चे को दिखाते हैं कि देखो, मैं बहुभाषी भी हूं, मैं भाषाओं को तोड़-मरोड़ भी सकता हूं और एक भाषा बोलते-बोलते दूसरी भाषा भी बोल सकता हूं. यह कुछ अच्छी और सकारात्मक बातें हैं जो मुझे अलग करती हैं और आपको भी.” क्या द्विभाषी शिक्षा के नुकसान भी हैं? एक सतत मिथक है कि बहुभाषी वातावरण में बच्चे बाद में बोलना शुरू करते हैं या फिर उन्हें भाषा की समस्या भी हो सकती है. हालांकि, ऐसी बातें बहुत पहले ही खारिज हो चुकी हैं. शार्फ रेथफेल्ट कहती हैं, "भाषा विकास से संबंधित विकार या कमियां जन्मजात हैं, द्विभाषावाद की वजह से ऐसा नहीं होता.” करीब 5 से 8 फीसद बच्चों में इस तरह की परेशानी होती है- चाहे वे एकभाषी हों या फिर द्विभाषी. समस्या यह है कि द्विभाषी बच्चों के मामले में बहुभाषावाद को अक्सर दोष दिया जाता है. हालांकि, जो सच है, वह यह है कि किसी एकभाषी बच्चे को अपनी ही उम्र के दो भाषाओं के साथ बड़े हो रहे बच्चे की तुलना में बोलने में अधिक समय लग सकता है. ऐसा इसलिए नहीं है कि उसे भाषा सीखने में अधिक समय लग रहा है बल्कि इसलिए कि एक भाषा में तमाम इनपुट प्राप्त करने में ज्यादा समय लगता है. उदाहरण के लिए, कोई एकभाषी बच्चा अपने माता-पिता के साथ एक ही भाषा में जैसे जर्मन में दिन में चार घंटे ही बात कर सकता है. वहीं एक द्विभाषी बच्चा भी अपने माता-पिता के साथ बातचीत में चार घंटे बिता सकता है, जिनमें से एक से वो जर्मन में बात कर रहा है और दूसरे से अरबी में. तो ऐसी स्थिति में हो सकता है कि उस द्विभाषी बच्चे ने कहीं ज्यादा शब्द सीख लिए हों. कई विशेषज्ञों के मुताबिक, बहुभाषी शिक्षा के कुछ नुकसान और कई फायदे हैं. इनमें से एक गोकमेज कहती हैं कि उनके बच्चे आसानी से अपने रिश्तेदारों के साथ संवाद कर सकते हैं. वो कहती हैं, "तुर्की भाषा बच्चों के दादा-दादी के लिए एक संपर्क भाषा की तरह है.” शार्फ राथफेल्ट कहती हैं, "यदि आप एक से अधिक भाषाओं में संवाद करने में सक्षम हैं, तो आपकी पहुंच विभिन्न संस्कृतियों और विभिन्न जीवन शैलियों तक है. जीवन के तरीकों तक पहुंच है. इस वजह से आप अपनी बातों को ज्यादा लोगों तक रख सकते हैं और फिर ज्यादा स्मार्ट भी हो जाते हैं.” एक और फायदा यह है कि जब बच्चे पहले से ही दो भाषाएँ बोलते हैं, तो उनके लिए अन्य भाषाएं सीखना भी बहुत आसान हो जाता है. द्विभाषावाद के जानकार कहते हैं, "जो बच्चे द्विभाषी होते हैं वे पहले से ही जानते हैं कि आप अभिव्यक्ति का हू-ब-हू अनुवाद नहीं कर सकते हैं.” येलिज गोकमेज ने भी इस बात को नोटिस किया है, खासतौर पर एक ऐसे जोड़े को जो हाल ही में परिवार के साथ चला गया और और बच्चों के साथ अंग्रेजी बोलता है. वो कहती हैं कि मिला ने इस नई भाषा को स्पंज की तरह आत्मसात कर लिया है, "उदाहरण के लिए, वह पहले से ही 'क्योंकि' और 'लेकिन' का उपयोग करके पूर्ण वाक्यों में बोलती है. यह वास्तव में हमारे लिए एक सुखद आश्चर्य था.” (कैटरीन एवर्ट)

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