ट्रंप ने Deepfake और Porn के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, 48 घंटे में हटेंगे सभी अश्लील कंटेंट
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 12:11 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डीपफेक और रिवेंज पॉर्न जैसी ऑनलाइन अश्लील सामग्री के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को उन्होंने 'TAKE IT DOWN Act' नामक एक महत्वपूर्ण कानून पर हस्ताक्षर किए जिसका उद्देश्य इस तरह के कंटेंट को ऑनलाइन फैलने से रोकना है।
इस नए कानून के तहत अगर कोई भी व्यक्ति या पब्लिकेशन बिना किसी की मर्जी के चाहे वह असली तस्वीर हो या AI से जनरेटेड अश्लील तस्वीर हो उसे ऑनलाइन पोस्ट करता है तो टेक्नोलॉजी कंपनियों को उस कंटेंट को 48 घंटे के भीतर हटाना होगा।
अमेरिकी फर्स्ट लेडी ने बताया बच्चों के लिए जरूरी
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में हुए एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप भी मौजूद रहीं जिन्होंने इस कानून को 'राष्ट्रीय विजय' बताया। उन्होंने कहा, 'टेक इट डाउन' एक्ट हमारे बच्चों की भलाई, हमारे परिवारों और अमेरिका के भविष्य के लिए जरूरी है।
इस बिल के प्रभावी होने के बाद तथाकथित रिवेंज पॉर्न और गैर-कानूनी डीपफेक कंटेंट को पोस्ट करना एक गैर-कानूनी काम होगा। इस कानून का उल्लंघन करने वाले को जेल की सजा, जुर्माना या फिर दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
दोनों दलों का मिला समर्थन
यह विधेयक जिसे अमेरिकी कांग्रेस में दोनों दलों का समर्थन मिला है को अप्रैल में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव द्वारा पास किया जा चुका था। इस बिल को सीनेट कॉमर्स कमेटी के चेयरमैन टेड क्रूज़ ने लिखा है जिसमें उनका साथ डेमोक्रेटिक सीनेटर एमी क्लोबुचर ने भी दिया है। यह एक दुर्लभ उदाहरण है जब इंटरनेट कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस ने द्विदलीय समर्थन के साथ कानून पारित किया है।
क्या होता है डीपफेक?
डीपफेक दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से जनरेट होने वाले वीडियो या फोटो होते हैं। इसकी मदद से किसी भी व्यक्ति के चेहरे को बदलकर अश्लील इमेज और वीडियो के ऊपर चिपका दिया जाता है जिससे वह असली जैसा दिखता है। हाल ही में एक हिंदी फिल्म 'लवियापा' भी इस विषय पर आधारित थी जिसमें डीपफेक पॉर्न और इसके खतरों के बारे में बताया गया था।
यह नया कानून ऑनलाइन यौन शोषण के पीड़ितों को सशक्त बनाने और डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।