‘‘ओबामा का खौफनाक फैसला था ग्वांतानामो से कैदियों को छोड़ना’’

punjabkesari.in Thursday, Mar 09, 2017 - 06:31 PM (IST)

वॉशिंगटन: अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्वांतानामो बे से कैदियों को रिहा करने के लिए आेबामा प्रशासन की आलोचना की और इसे ‘‘भयानक फैसला’’ बताया।


ट्रंप ने मंगलवार को एक ट्वीट कर कहा,‘‘आेबामा प्रशासन द्वारा ग्वांतानामो से रिहा किए गए 122 शातिर कैदी अब फिर से मैदान में लौट आए हैं। एक और भयानक फैसला।’’ व्हाइट हाऊस प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कल कहा,‘‘यह राष्ट्रपति काफी स्पष्ट रूप से ग्वांतानामो में कैद लोगों से हमारे देश को होने वाले खतरे की प्रकृति और रिहाई के बाद उनके फिर से अपराध में शामिल होने की दर को समझते हैं जिन्हें हमनें रिहा किया। वह इस चिंता को साझा करते हैं।’’कैदियों को रिहा करने के बुश प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा,‘‘उस समय कई मामलों में अदालत के आदेश के तहत एेसा किया गया।


आेबामा प्रशासन ने असल में लोगों को छोड़ने को प्राथमिकता बना ली और वह सक्रिय रूप से जेल को बंद करना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिहा करना चाहता था।’’पूर्व राष्ट्रपति बराक आेबामा ग्वांतानामो बे को बंद करना चाहते थे। उनका मानना था कि इस जेल से अमरीका असुरक्षित है लेकिन वह कांग्रेस के विरोध के कारण एेसा नहीं कर पाए। ग्वांतानामो बे बंदी गृह क्यूबा में ग्वांतानामो बे नौसैन्य अड्डे में स्थित है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के प्रशासन ने 2001 के 9/11 हमले के जवाब में ‘आतंक पर युद्ध’ के दौरान 2002 में इस जेल की स्थापना की थी।  अमरीका ने उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया कि ग्वांतानामो बे जेल का इस्तेमाल शरणार्थियों को कैदी बनाने में किया जा रहा है।


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