आप्रवासन मुद्दाः विरोध जता रहे 600 प्रदर्शनकारी सहित डेमोक्रेटकी कांग्रेस सांसद भी गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Jun 29, 2018 - 11:48 AM (IST)

वाशिंगटनः अवैध आप्रवासन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की‘जीरो टौलरेंस’नीति के विरोध में गुरुवार को यहां स्थित सिनेट कार्यालय पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे करीब 600 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। डेमोक्रेट की कांग्रेस सांसद प्रमिला जयपाल, जो प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बैठी हुयी थीं, को भी गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश महिलायें शामिल थीं जो सफेद कपड़े पहने हुए थीं। प्रदर्शनकारी हार्ट सीनेट कार्यालय भवन के संगमरमर के फर्श खुद को धातु जैसा रजत कंबल में लपेटकर पर बैठे हुए थे। 
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अमरीकी आप्रवासन अधिकारियों द्वारा अपने परिवारों से अलग प्रवासी बच्चों को भी ऐसे ही कंबल दिए गए थे। प्रदर्शनकारी‘काोर से कहो, स्पष्ट कहो, आप्रवासियों का स्वागत है’जैसे नारे लगा रहे थे। इमारत के उपर से बड़ी संख्या में सीनेट कर्मचारी उनके प्रदर्शन का नजारा देख रहे थे।  इसके बाद कैपिटल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इमारत को खाली नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके तुरंत बाद, छोटे समूहों में प्रदर्शनकारियों को दीवार के साथ खड़ा किया गया और पुलिस ने उनके कंबलों और अन्य सामानों को जब्त कर लिया।  पुलिस को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और प्रदर्शन समाप्त करने में करीब डेढ़ घंटे का समय लग गया। 
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डेमोक्रेट की कांग्रेस सांसद प्रमिला जयपाल, जो प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बैठी हुयी थीं, को भी गिरफ्तार कर लिया गया। डेमोक्रेटिक सीनेटर माजी हिरोनो, टैमी डकवर्थ, कस्र्टन गिलिब्रैंड और जेफ मर्कले, जो ट्रम्प की आप्रवासन नीतियों की आलोचना करते रहे हैं, ने भी कुछ प्रदर्शनकारियों से बात की। गिलब्रैंड के हाथ में एक तख्ती थी जिसपर लिखा था,‘अब हिरासत में लेना बंद करें।‘ महिला मार्च का प्रदर्शन  ट्रम्प के खिलाफ कार्रवाइयों के विरोध का हिस्सा है। 
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ट्रम्प प्रशासन ने बिना किसी अधिकार के सीमा पार कर आने वाले सभी व्यस्कों पर मई में मुकदमा चलाना शुरू कर दिया था। वयस्क रिश्तेदारों के साथ अमेरिका में अवैध रूप से आने वाले 2,000 से अधिक बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया गया था और उन्हें या तो हिरासत में रखा गया था या फिर अमेरिका के पालक परिवारों के साथ रखा गया था। ट्रम्प प्रशासन के आप्रवासन नीति की ना केवल अमेरिका में बल्कि विदेशों में भी तीखी आलोचना की गयी थी जिसके बाद ट्रम्प को कार्यकारी आदेश जारी कर अपने परिवारों से बिछड़े बच्चों को उनके अभिभावकों या माता-पिता के पास जाने की इजाजत दी।  
 


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Isha

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