600 साल बाद फटा रूस का क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी, कामचटका में भूकंप के बाद दिखा विस्फोट, देखें VIDEO
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 04:58 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: 3 अगस्त, 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में स्थित क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी ने 600 साल बाद अपनी पहली बड़ी विस्फोटक गतिविधि दिखाई। इस विस्फोट ने राख के विशाल गुबार को 6 किलोमीटर (19,700 फीट) तक हवा में उड़ा दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई। इस घटना को भूकंपीय गतिविधि और ज्वालामुखीय विस्फोटों के बीच गहरे संबंध के रूप में देखा जा रहा है।
कामचटका प्रायद्वीप में आए बड़े भूकंप का प्रभाव
3 अगस्त को क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी के फटने के कुछ ही दिनों बाद, कामचटका प्रायद्वीप में एक बहुत शक्तिशाली 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था। यह भूकंप 29 जुलाई, 2025 को आया था और दुनिया भर में इसका प्रभाव महसूस हुआ। इस भूकंप के कारण कई शक्तिशाली aftershocks और मिनी भूकंप भी हुए, जिनमें एक 6.8 तीव्रता का भूकंप 3 अगस्त को सुबह 5:37 UTC पर हुआ। Olga Girina, जो कि कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (KVERT) की प्रमुख हैं, ने इस भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट के बीच संबंध को स्पष्ट किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप ने ज्वालामुखी के विस्फोट को प्रेरित किया है, हालांकि यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि 600 वर्षों में पहली बार क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी फटा।
🌋 ** WOW. Eurasia’s Largest Volcano Erupts After 8.7 Earthquake in Russia **
— Lenka White (@white_lenka) August 2, 2025
💥 FIRST recorded eruption since 1550 (460+ years)
Krasheninnikov’s ash cloud now 5–6KM high pic.twitter.com/wlRhuQiIMX
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी का ऐतिहासिक महत्व
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जो कामचटका प्रायद्वीप की पूर्वी सीमा में स्थित है। यह ज्वालामुखी 1463 में अंतिम बार सक्रिय हुआ था, और तब से कोई विस्फोट नहीं हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ज्वालामुखी प्लेइस्टोसिन काल के दौरान बने दो अतिव्यापी स्ट्रैटोज्वालामुखियों से मिलकर बना है। इसका शिखर 1,816 मीटर (1.1 मील) ऊंचा है, और यह रूस के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक माना जाता है।
The first powerful eruption of the #Krasheninnikovvolcano in the history of observations continues in the centre of the Kronotsky Reserve.
— Alex Terry (@AlexTerry17482) August 3, 2025
Dr Egon Cholakian explained in his video address what is happening now and this is just the beginninghttps://t.co/DRU3RIDS88 pic.twitter.com/FPOvZSJSo4
ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आस-पास की उड़ानों पर प्रभाव
इस विस्फोट के कारण, राख का गुबार समुद्र तल से लगभग 6 किमी तक पहुंचने के कारण आस-पास के विमानों के लिए खतरा बढ़ गया है। हालांकि, अवधि क्षेत्र में कोई भी बसा हुआ इलाका नहीं है, फिर भी फ्लाइट्स के लिए बढ़ते जोखिम को देखते हुए, विमानन रंग कोड को पीला किया गया है। इसका मतलब है कि यहां पर उड़ान संचालन को लेकर जोखिम और चेतावनी जारी की गई है।
भूकंप के बाद बढ़ी ज्वालामुखीय गतिविधि
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद, कामचटका के क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी में भी विस्फोटक गतिविधि देखी गई थी। 17 से 30 जुलाई तक, क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी में महत्वपूर्ण विस्फोटक गतिविधियां दर्ज की गईं। वैज्ञानिकों ने 19 जुलाई को इसके क्रेटर में चमकदार चमक भी देखी थी, जो इसके सक्रिय होने का संकेत था। इस प्रकार, यह घटना कामचटका क्षेत्र में ज्वालामुखीय सक्रियता की बढ़ती स्थिति को दर्शाती है।
क्या आगे और विस्फोट की संभावना है?
कामचटका क्षेत्र में आने वाले समय में और ज्वालामुखीय विस्फोटों की संभावना हो सकती है, क्योंकि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय (EMERCOM) और KVERT दोनों ने इस क्षेत्र में लगातार निगरानी रखने का वादा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियां एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसीलिए, भविष्य में अन्य विस्फोटों के लिए भी तैयार रहना होगा।