अमेरिका की टाइम मैगजीन में PM शेख हसीना पर छपी कवर स्टोरी से बांग्लादेश में हंगामा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2023 - 01:02 PM (IST)
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इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘टाइम' के आवरण पृष्ठ (कवर पेज) पर जगह बनाने वाली बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की कवर स्टोरी से बांगलादेश में बवाल मच गया है। टाइम पत्रिका के हालिया संस्करण में हसीना पर छपी इस कवर स्टोरी, जिसका शीर्षक 'हार्ड पावर: शेख हसीना एंड द फेट ऑफ डेमोक्रेसी इन बांग्लादेश' है, ने कई लोगों की नाराजगी जताई है। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि कई पाठकों ने लेख की सामग्री को गहराई से नहीं पढ़ा होगा, जो बांग्लादेश स्थित डेली एशियन एज के अनुसार शेख हसीना के कार्यकाल का बहुमुखी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। डेली एशियन एज ने लिखा टाइम मैगजीन ने दुनिया को एक संदेश दिया है जो शेख हसीना के नेतृत्व के बारे में कूटनीतिक सवाल उठाता है।"
“बांग्लादेश स्थित दैनिक ने कहा "यह संदेश वैश्विक वित्तीय संकट और बांग्लादेश की ऋण पर निर्भरता को छूता है, जो दिसंबर 2022 तक 96.2 अमेरिकी बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। बांग्लादेश के प्रमुख विकास भागीदारों में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, भारत, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष शामिल हैं। डेली एशियन एज लेख में कहा गया है कि "वाशिंगटन बांग्लादेश के निरंकुशता की ओर बढ़ने को लेकर चिंतित है। हसीना को अमेरिका द्वारा आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के नवीनतम दो सम्मेलनों में आमंत्रित नहीं किया गया था, और मई में देश ने चुनावों को कमजोर करने वाले किसी भी बांग्लादेशी पर वीजा प्रतिबंध का खुलासा किया।"हालाँकि, दैनिक ने यह भी कहा कि टाइम पत्रिका ने बांग्लादेश में गरीबी उन्मूलन में प्रधान मंत्री हसीना की उपलब्धि को कमजोर कर दिया।डेली एशियन एज के अनुसार, पत्रिका के कवर पर शेख हसीना की छवि में उन्हें कम आकर्षक ढंग से दर्शाया गया है, जिससे फोटोग्राफर सरकार प्रोटिक की पसंद पर सवाल उठ रहे हैं, जिनका फोटो जर्नलिस्ट शाहिदुल आलम से संबंध है, जो सरकार की आलोचना के लिए जाने जाते हैं।
जानें क्या लिखा है टाइम पत्रिका ने ?
न्यूयॉर्क स्थित समाचार संस्थान ने बताया कि पत्रिका के 20 नवंबर के संस्करण के आवरण पृष्ठ पर हसीना को जगह मिली है। यह संस्करण 10 नवंबर को बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। टाइम के चार्ली कैम्पबेल की कवर स्टोरी में कहा गया है, ‘‘76 साल की उम्र में...बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ऐसी राजनीतिक सोच का प्रतिनिधित्व करती हैं जिन्होंने 17 करोड़ की आबादी वाले इस देश को देहाती जूट उत्पादक से एशिया-प्रशांत की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था में बदल दिया।'' इसमें कहा गया है, ‘‘पहले के 1996 से 2001 के कार्यकाल के बाद 2009 से पद पर रहते हुए वह दुनिया में किसी देश की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला प्रमुख हैं और उन्हें फिर से सिर उठा रहे इस्लामवादियों और एक समय में हस्तक्षेप करने वाली सेना दोनों के पर कतरने का श्रेय दिया जाता है।''
कैम्पबेल ने लिखा, ‘‘मार्गरेट थेचर या इंदिरा गांधी से ज्यादा बार चुनाव जीत चुकीं हसीना जनवरी में भी इस पद पर बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' इसमें लिखा गया है, ‘‘....हसीना ने इतने वर्षों में 19 बार हत्या के प्रयासों का सामना किया है। हाल के महीनों में मुख्य विपक्षी दल ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' (बीएनपी) के समर्थकों की सुरक्षा बलों से झड़प हुई है जिससे बाद सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी हुई, पुलिस वाहनों और सरकारी बसों में आग लगायी गयी और कई लोगों की हत्या की गयी। बीएनपी ने 2014 और 2018 की तरह तब तक चुनाव का बहिष्कार करने का संकल्प लिया है, जब तक हसीना चुनाव कराने के लिए किसी कार्यवाहक सरकार को सत्ता नहीं सौंप देतीं।'' ‘‘शेख हसीना और बांग्लादेश में लोकतंत्र का भविष्य'' शीर्षक वाली इस कवर स्टोरी के अनुसार, हसीना के शासन में देश ने उनकी आवामी लीग पार्टी के तहत एक सत्तावादी रुख अपनाया है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ‘‘बड़ी अनियमितताओं'' को लेकर देश में पिछले दो चुनावों की निंदा की थी। पत्रिका में लिखा गया है, ‘‘आज, दो बार की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी नेता खालिदा जिया भ्रष्टाचार के संदिग्ध आरोपों में अपने घर में नजरबंद होकर गंभीर रूप से बीमार हैं। इस बीच, बीएनपी कार्यकर्ताओं पर 40 लाख कानूनी मुकदमे दर्ज हैं जबकि स्वतंत्र पत्रकार और नागरिक समाज भी प्रतिशोध की कार्रवाई के कारण उत्पीड़न की शिकायत करते हैं। आलोचक कहते हैं कि जनवरी में होने वाले चुना ताजपोशी और हसीना के एक तानाशाह बनने के समान है।''
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