Report: ट्रंप की एक गलती कारण अमेरिका में कोरोना से बिछ गई लाशें, बच सकती थीं 54 हजार जानें

punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 11:56 AM (IST)

लॉस एंजलिसः कोरोना वायरस को लेकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी की स्टडी रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुसीबत में डालने वाला खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ट्रंप एक फैसला लेने में देरी न करते तो अमेरिका में हजारों जानें बचाई जा सकती थीं। रिपोर्ट में दावा किया गया गया कि अगर अमेरिकी सरकार लॉकडाउन शुरू करने में 2 हफ्ते की देरी न करती तो वहां कोरोना से 83 फीसदी कम मौतें होतीं।

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कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 3 मई तक के कोरोना मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन किया जिसके अनुसार अगर ट्रंप सरकार ने 1 मार्च के पहले लॉकडाउन लगाया होता तो 11 हजार 253 मौतें होतीं, जबकि 65 हजार 307 मौतें हुईं। इसका मतलब यह है कि अगर दो हफ्ते पहले लॉकडाउन लगाया गया होता तो 54 हजार 54 लोगों की जानें बच सकती थीं। शोधकर्ताओं ने कहा कि एक हफ्ते जल्द लॉकडाउन लगाने पर 36 हजार से ज्यादा लोग बच सकते थे। रिसर्च टीम के प्रमुख जेफरी शमन ने कहा कि यह मौतों के आंकड़ों का बड़ा अंतर है। हमें संक्रमण रोकने के लिए एक-एक दिन देरी का असर समझना होगा।

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अमेरिका में कोरोना के अब तक 15 लाख 93 हजार 297 मामले आए हैं, जबकि 94 हजार 948 मौतें हुई हैं। ट्रंप के गलत फैसलों के खिलाफ यहां लोगों ने बॉडी बैग रखकर विरोध प्रदर्शन भी किए थे उन्होंने कहा कि ट्रंपझूठ बोल रहे हैं और लोग मर रहे हैं। सरकार कोरोना संकट का मुकाबला करने में विफल रही है। गौरतलब है कि ट्रंप ने 16 मार्च को लॉकडाउन की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह राज्यों पर निर्भर है कि वे कितना लॉकडाउन रखना चाहते हैं। कोरोना के दौर में घर में रहें, सीमित यात्राएं करे।

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इस अपील के बाद राज्यों ने अलग-अलग समय पर लॉकडाउन लगाया। जैसे- सबसे ज्यादा संक्रमित न्यूयॉर्क में 22 मार्च को स्टे एट होम का आदेश जारी किया गया था। इसी राज्य की न्यूयॉर्क सिटी के लिए स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यहां एक हफ्ते जल्द लॉकडाउन लगाया जाता, तो 3 मई तक यहां 2838 मौतें होतीं, जबकि 17 हजार 581 हुईं। यहां 14 हजार 743 जानें बच सकती थीं।


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Tanuja

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