नए ब्रिटिश अध्ययन में दावा- नैचुरल नहीं, वुहान लैब में ही विकसित हुआ कोरोना

punjabkesari.in Sunday, May 30, 2021 - 09:15 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: एक नए ब्रिटिश अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस नैचुरल नहीं है, यह वुहान लैब में चीनी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है। इसके बाद वायरस के रिवर्स अध्ययन द्वारा अपने ट्रैक को कवर करने की कोशिश करते हुए चमगादड़ से स्वाभाविक रूप से वायरस की उत्पत्ति दर्शाने की कोशिश की गई। पेपर के लेखक, ब्रिटिश प्रोफैसर एंगस डल्गलिश और नॉर्वेजियन वैज्ञानिक डॉ. बिर्गर सोरेंसन ने लिखा कि उनके पास एक साल के लिए चीन में रेट्रो-इंजीनियरिंग का प्रथम दृष्टया सबूत है- लेकिन शिक्षाविदों और प्रमुख पत्रिकाओं द्वारा इसे नजरअंदाज कर दिया गया।

 

डल्गलिश लंदन के सेंट जॉर्ज विश्वविद्यालय में ऑन्कोलॉजी के प्रोफैसर हैं। उन्हें HIV की वैक्सीन बनाने में सफलता के लिए जाना जाता है। सोरेंसन, एक वायरोलॉजिस्ट, फार्मास्युटिकल कंपनी, इम्यूनोर के अध्यक्ष हैं जिन्होंने बायोवैक-19 नामक कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा कि चीनी प्रयोगशालाओं में जानबूझकर डाटा को छिपाने की कोशिश की गई है।

 

अध्ययन में कोरोना महामारी की उत्पत्ति पर शोधकर्त्ताओं को वायरस के बारे में डाटा में काफी हेराफेरी मिली है जिससे स्पष्ट है कि लैब में कोरोना को विकसित किया गया। उन्होंने कहा कि जब सर रिचर्ड डियरलोव ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वैज्ञानिकों के सिद्धांत की जांच की जानी चाहिए तब भी इस विचार को ‘नकली समाचार’ के रूप में खारिज कर दिया गया।


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Content Writer

Seema Sharma

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