यीशु के जन्मस्थली शहर में इस बार सजावट और क्रिसमस ट्री नदारद, आंहों-आंसुओं के बीच मनाया गया क्रिसमस
punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2024 - 04:05 PM (IST)
International Desk: इजराइल- हमास जंग और गाजा की बिगड़ी व भयावह हालत के बीच वेस्ट बैंक में ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलेहम में इस बार भी क्रिसमस के मौके पर मंगलवार को माहौल गमगीन रहा। क्रिसमस सप्ताह के दौरान वेस्ट बैंक में जो उत्साह आमतौर पर देखने को मिलता था, वह इस बार दिखाई नहीं दिया। मैंगर स्क्वायर पर क्रिसमस पर होने वाली सजावट और विशाल क्रिसमस ट्री नदारद थे, साथ ही विदेशी पर्यटकों की भीड़ भी नहीं थी। फिलीस्तीनी ईसाइयों ने सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से मार्च किया, जबकि पहले पूरी धूमधाम के साथ मार्च निकाला जाता था। सुरक्षा बलों ने गिरजाघर ‘चर्च ऑफ द नेटिविटी' के निकट अवरोधक लगा दिए हैं। माना जाता है कि यह गिरजाघर उस स्थान पर बना है, जहां यीशु का जन्म हुआ था।
क्रिसमस उत्सव रद्द होने से शहर की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ है। बेथलेहम की आय का अनुमानित 70 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन से आता है। फलस्तीनी पर्यटन मंत्रालय के प्रवक्ता जिरीस कुमसियाह ने कहा कि बेथलेहम में आने वाले पर्यटकों की संख्या 2019 में कोविड-19 से पहले 20 लाख प्रति वर्ष थी, जो घटकर 2024 में एक लाख से भी कम हो गई है। वेस्ट बैंक में हिंसा बढ़ने से पर्यटन को बहुत नुकसान हुआ है, जहां 800 से अधिक फलस्तीनी इजराइली गोलीबारी में मारे गए हैं और आतंकवादी हमलों में दर्जनों इजराइली लोगों की मौत हुई है। सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद गाजा में शुरू हुए युद्ध के बाद बेथलेहम और वेस्ट बैंक के अन्य शहरों तक पहुंच सीमित हो गई, और इजराइली सैन्य चौकियों से गुजरने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। सात अक्टूबर को हुए हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया था।
इजराइली अधिकारियों का मानना है कि गाजा पट्टी में करीब 100 लोगों को अब भी बंधक बनाकर रखा गया है। बेथलेहम में शीर्ष रोमन कैथोलिक पादरी लैटिन पैट्रिआर्क पियरबेटिस्टा पिज्जाबल्ला ने बंद दुकानों और खाली सड़कों की ओर इशारा किया और उम्मीद जताई कि अगला साल बेहतर होगा। उन्होंने मैंगर स्क्वायर में एकत्र सैकड़ों लोगों से कहा, “उम्मीद है कि यह इतना दुख भरा आखिरी क्रिसमस होगा।” कई फलस्तीनी ईसाइयों ने ‘एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में युद्ध शुरू होने के बाद से वे विस्थापित होकर गिरजाघर में रह रहे हैं और उनके पास बहुत कम पैसे हैं।
एक विस्थापित महिला नजला तराजी ने युद्ध खत्म होने की कामना करते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले साल तक हम इसी दिन अपने घरों में क्रिसमस मना पाएंगे और बेथलेहम जा पाएंगे।” बेथलहम ईसाई धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण केंद्र है, हालांकि शहर के लगभग 1 करोड़ 40 लाख निवासियों में ईसाइयों की संख्या काफी कम है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, इजराइल में लगभग 1,82,000, वेस्ट बैंक में 50 हजार और गाजा में 1,300 ईसाई हैं। इसके अलावा दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी क्रिसमस मनाया गया। फ्रांस की राजधानी पेरिस में फिर से खुले नोट्रे डेम कैथेड्रल में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। साल 2019 में मध्ययुगीन ऐतिहासिक स्थल नोट्रे डेम कैथेड्रल को भीषण आग लगने के कारण बंद कर दिया गया था।
तब से पहली बार यहां क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया। सीरिया में रहने वाले ईसाईयों ने भी क्रिसमस मनाया। सीरिया के सैदनाया में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। सीरिया में हाल में सत्ता परिवर्तन हुआ है और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं। अमेरिका में चर्च स्कूल शूटिंग के पीड़ितों को याद करते हुए क्रिसमस मनाया गया। विस्कॉन्सिन के मैडिसन में सिटी चर्च में, मुख्य पादरी टॉम फ्लेहर्टी ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर प्रार्थना की। आठ दिन पहले चर्च परिसर में स्थित स्कूल में हुई गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा भारत, स्पेन, तुर्की, फिलिपीन, और बल्कान देशों में हर्षोल्लास के साथ क्रिसमस मनाया गया।