CISA का खुलासाः चीनी हैकरों ने 2011 से 2013 तक 13 अमेरिकी गैस पाइपलाइन ऑपरेटरों को बनाया निशाना
punjabkesari.in Wednesday, Jul 21, 2021 - 02:01 PM (IST)

वाशिंगटन: साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचा सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने मंगलवार को चीन की करतूतों की पोल खोलते हुए बताया कि चीनी हैकरों ने 2011 से 2013 तक 13 अमेरिकी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ऑपरेटरों में सेंध लगाई थी । CISA एडवाइजरी में बताया गया कि अमेरिकी सरकार ने 2011 से 2013 तक लक्षित 23 अमेरिकी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ऑपरेटरों की पहचान की और उन पर नज़र रखी। इनमें से 13 ऑपरेटरों में सेंध की पुष्टि की गई, तीन लगभग लक्ष्य के करीब थे लेकिन चूक गए और आठ में गहराई तक घुसपैठ की गई थी।"
सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी संघीय सरकार ने विशेष रूप से चीनी सरकार द्वारा समर्थित हैकर्स को इन साइबर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। CISA और FBI का आकलन है कि ये हैकर्स विशेष रूप से यूएस पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को जोखिम में डालने के उद्देश्य से इनको निशाना बना रहे थे। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के आकलन के अनुसार चीनी हैकर्स के इन हमलों का उद्देश्य अमेरिकी पाइपलाइनों के खिलाफ साइबर हमले क्षमताओं को विकसित करने में मदद करना था ताकि पाइपलाइनों को भौतिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा सके या पाइपलाइन संचालन बाधित हो सके।
एडवाइजरी की ये रिपोर्ट अमेरिका और उसके विदेशी सहयोगियों द्वारा चीन पर साइबर स्पेस में धन उगाहने के व्यापक प्रयासों के आरोपों के एक दिन बाद जारी की गई है । अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों की साइबरस्पेस संपत्तियों के लिए चीन प्रायोजित साइबर गतिविधियों से रैंसमवेयर हमलों को बड़ा खतरा बताते हुए नई सलाह जारी की है। CISA में कहा गया है कि चीनी साइबर अपराधी संवेदनशील डेटा, उभरती प्रमुख प्रौद्योगिकियों, बौद्धिक संपदा की चोरी करने के लिए राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, शैक्षिक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे (सीआई) को आक्रामक रूप से लक्षित करते हैं।
बता दें कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान और नाटो सहित अमेरिकी सहयोगियों और भागीदारों का एक बड़ा समूह चीन के सुरक्षा मंत्रालय की दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों को उजागर करने और उनकी आलोचना करने के लिए एकजुट हो गया है। इस बीच, चीन ने इन आरोपों से इंकार किया कि माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज हैक और अन्य "दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों" के पीछे उसकी सरकार का हाथ था।